Bihar Assembly Election 2020: बिहार में युवाओं को नौकरियां मिले न मिले, आश्वासन मिल रहा भरपूर

बेरोजगारों की संख्या की रफ्तार में राजनीतिक दल नौकरियों के इंतजाम का भरोसा दे रहे हैं। उम्मीद यह कि सरकार किसी की बने रोजगार की गारंटी है। यह इसलिए भी रोजगार के सवाल ने सभी दलों को परेशान किया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 02:44 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 02:44 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: बिहार में युवाओं को नौकरियां मिले न मिले, आश्वासन मिल रहा भरपूर
बिहार चुनाव की घोषणा के अनुसार नौकरियां मिले न मिले, राज्य के बेरोजगारों को आश्वासन पूरा मिल रहा है।

पटना, जेएनएन। नौकरियां मिले न मिले, राज्य के बेरोजगारों को आश्वासन पूरा मिल रहा है। बेरोजगारों की संख्या की रफ्तार में राजनीतिक दल नौकरियों के इंतजाम का भरोसा दे रहे हैं। उम्मीद यह कि सरकार किसी की बने, रोजगार की गारंटी है। यह इसलिए भी रोजगार के सवाल ने सभी दलों को परेशान किया है। कोरोना के कारण राज्य के बाहर काम करने वाले लोग जब घर लौटे तो उनके लिए यह मुख्य विषय हो गया। राज्य सरकार ने उन्हें काम देने की कोशिश की। लेकिन, वह सबके करने लायक नहीं था। मसलन, सरकारी योजनाओं के तहत करीब 16 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए गए। शारीरिक श्रम करने वालों को राहत मिली। ये श्रम दिवस उनके किसी काम के साबित नहीं हुए जिन्हें तकनीक से काम करने की आदत है। राज्य सरकार ने कुशल श्रमिकों की सूची बनाई। उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया। मगर, कोरोना के चलते उसका लाभ नहीं मिल पाया। 

राजद ने सबसे पहले रोजगार का सवाल उठाया

बहरहाल, महागठबंधन के अगुआ राजद ने सबसे पहले रोजगार का सवाल उठाया। राजद ने एलान किया कि राज्य में अगर उसकी सरकार बनती है तो 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। बेरोजगारों को पक्का भरोसा देने के लिए राजद ने यह भी जोड़ा कि नौकरी देने का फैसला कैबिनेट की पहली बैठक में लिया जाएगा। शुरुआती दिनों में एनडीए ने राजद की घोषणा का मजाक उड़ाया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पूछने लगे कि वेतन के लिए धन कहां से आएगा। लेकिन, राजद के 10 लाख नौकरी देने की घोषणा के प्रति बेरोजगारों के बढ़ते रूझान को देखते हुए एनडीए भी नौकरी बांटने वाली मुहिम में शामिल हो गया। भाजपा के घोषणा पत्र में सरकारी नौकरी के साथ रोजगार का जिक्र किया गया। कहा गया कि एनडीए की अगली सरकार 19 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी। कृषि और मत्स्य पालन में रोजगार के अधिक उपाय बताए गए हैं। अब राजद पलट कर पूछ रहा है-इसके लिए रुपये कहां से आएंगे। 

मुहिम में नीतीश भी शामिल


रोजगार बांटने की मुहिम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने साफ कहा कि सबको सरकारी नौकरियां नहीं दी जा सकती है। हां, हमारी सरकार युवाओं को इस स्तर का तकनीकी प्रशिक्षण देगी कि वे अपना रोजगार कर सके। जदयू उन सरकारी नौकरियों का ब्योरा दे रहा है, जो बीते 15 वर्ष के शासन में दी गई हैं। इनकी संख्या साढ़े छह लाख से अधिक है। राजद के अलावा कांग्रेस ने भी नौकरियों का वादा किया है। कांग्रेस साढ़े चार लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा कर रही है। वामपंथियों, रालोसपा, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और जन अधिकार पार्टी जैसे अन्य दलों ने भी रोजगार का वादा किया है। 

तब दूर हो जाएगी बेरोजगारी


राजद, भाजपा, जदयू और कांग्रेस के चुनावी वायदे को जोड़ दें तो 35 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी या अन्य तरह के रोजगार मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जहां तक सरकारी नौकरियों में वैकेंसी का सवाल है, इसके आंकड़े अलग-अलग हैं। तेजस्वी यादव के मुताबिक तुरंत भरने लायक वैंकेसी करीब साढ़े चार लाख है। जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक तेजस्वी के दावे का खारिज करते हैं। उनके मुताबिक राज्य सरकार में बमुश्किल डेढ़ लाख पद रिक्त हैं, जिन्हें भरने की प्रक्रिया चल रही है।

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