Bihar Assembly Election 2020: मायावती बोलीं- 15-15 साल की सरकारों को फिर आजमाने की जरूरत नहीं
ग्रैंड युनाइटेड सेक्युलर फ्रंट के चुनाव प्रचार को मंच पर पहुंची उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकारी कार्यों को प्राइवेट तरीके से किया जा रहा है। इसमें भी आरक्षण का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जासं, भभुआ: बिहार के भभुआ में शुक्रवार को ग्रैंड युनाइटेड सेक्युलर फ्रंट के चुनाव प्रचार के लिए मंच पर पहुंची उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकारी कार्यों को प्राइवेट तरीके से किया जा रहा है। इसमें भी आरक्षण का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गलत आर्थिक नीतियों के कारण गरीबी, बेरोजगारी बढ़ रही है। 15-15 साल एनडीए और राजद, दोनों की सरकारें रहीं, लेकिन रोजगार का काम नहीं किया। लेकिन अब चुनाव आया है तो 10 लाख तथा 19 लाख रोजगार देने की बात कर रहे हैं। अब दोनों सरकार को आजमाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में अगर काम हुआ होता तो नया गठबंधन नहीं बनाना पड़ता।
सभी को मिलेगा सम्मान
बसपा प्रमुख ने कहा कि बिहार में अगर ग्रैंड युनाइटेड सेक्युलर फ्रंट की सरकार बनती है तो सभी को सम्मान दिया जाएगा। विरोधियों के साम- दाम दंड भेद से बचके रहना है। उन्होंने कहा कि बसपा चुनाव में कोई घोषणा पत्र जारी नहीं करती। अगर बिहार में सरकार बनती है तो उतर प्रदेश की तरह ही बिहार में सरकार चलेगी।
यूपी की तरह होगा बिहार में काम
मायावती ने कहा कि यूपी में हमारी की चार बार सरकार रही। वहां हमने बेरोजगारी भत्ता न देकर सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र में लोगों को नौकरी दी। सरकार के पास जो जमीन पड़ी थी गरीब और भूमिहीनों को खेत उपलब्ध करवाया। कांशीराम के नाम से शहरी विकास योजना की शुरुआत की। गरीब लोगों को मकान बनवाकर दिए। यूपी के किसानों को समय से फसलों का उचित दाम दिया है।
बिहार मेें बाहर घूमते हैं अपराधी
बसपा सुप्रिमो ने कहा कि हमने यूपी में कानून की व्यवस्था अच्छी दी। बसपा राज में अपराधी जेल में रहते थे। बिहार कि तरह घूमते नहीं रहते थे। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा दलित के हितों का ध्यान रखा गया। शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। मायावती ने कहा कि हमने स्कूल जाने के साइकिल और छात्रवृत्ति दी। उन्होंने कहा कि कई सरकारों ने इसकी नकल की, लेकिन उनकी सोच छोटी रही।