Bihar Assembly Election: पाटलिपुत्र के समर में 15 सालों से सीधा मुकाबला, बाढ़ व जल-जमाव बड़े मुद्दे
Bihar Assembly Election पटना के पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र अंतर्गत विधानसभा की छह में से तीन सीटों पर आरजेडी का कब्जा है। यहां बीते तीन चुनावों से सीधा मुकाबला हो रहा है।
पटना, श्रवण कुमार। Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव की आहट राजधानी पटना के साथ आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी सुनाई पड़ने लगी है। प्रशासनिक तैयारियों के बीच ही चुनावी गणित के लिए राजनीतिक दल जोड़-घटाव करने में लग गए हैं। पटना जिले में 14 विधानसभा क्षेत्र हैं। संसदीय क्षेत्र के लिहाज से पाटलिपुत्र और पटना साहिब के साथ ही मुंगेर का कुछ हिस्सा भी पटना का अंग है। बात पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों की करें तो यहां मुकाबले आमने-समाने के होते रहे हैं। फिलहाल, छह में तीन विधानसभाओं पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का कब्जा है। जबकि, जनता दल यूनाइटेड (JDU), भारतीय जनता पार्टी (BJP) एवं कांग्रेस (Congress) के खाते में एक-एक सीट है।
पटना के विधानसभा क्षेत्र, एक नजर
पटना के पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और विक्रम विधानसभा आते हैं। इनमें फुलवारी और मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित श्रेणी के हैं। पटना साहिब संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और फतुहा विधानसभा क्षेत्र आते हैं। मुंगेर संसदीय क्षेत्र का मोकामा और बाढ़ विधानसभा क्षेत्र भी पटना की परिधि में ही है।
जिले में 46.लाख वोटर, सात हजार से अधिक बूथ
मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तिथि पहली जनवरी 2020 के अनुसार पटना जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 46 लाख 36 हजार 463 है। इनमें से 24 लाख 34 हजार 33 पुरुष, 22 लाख दो हजार 267 महिला और 163 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। संसदीय चुनाव के दौरान पटना में 4620 मतदान केंद्र थे। विधानसभा चुनाव में कोरोना की वजह से 2414 सहायक मतदान केंद्र बनाए जाने हैं।
15 वर्षों से आमने-सामने का रहा मुकाबला
पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में पिछले 15 वर्षों के दौरान मुकाबला आमने-सामने का ही होता रहा है। कुछ प्रत्याशियों ने इस दौरान पाला बदलकर प्रतिद्वंदी का दामन भी थामा है। दानापुर से बीजेपी ने लगातार अपना दबदबा बनाए रखा है, तो श्याम रजक 15 साल से फुलवारी के बादशाह रहे हैं। भले ही उन्होंने दल बदल लिए, लेकिन जीत का ताज पहनते रहे। मनेर में आरजेडी का दबदबा कायम है। भाई वीरेंद्र लगातार दूसरी बार विधायक हैं। श्रीकांत लाभ को दलबदल का खामियाजा भुगतना पड़ा है। पालीगंज विधानसभा से माले का खात्मा हो गया। यहां अब लड़ाई बीजेपी व आरजेडी के बीच ठनती है। विक्रम से सिद्धार्थ को बीजेपी व जेडीयू की टूट का फायदा 2015 में मिल गया। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर अनिल कुमार को पटखनी देने में सफलता हासिल कर ली।
बाढ़, जल-जमाव व सिंचाई हैं बड़े चुनावी मुद्दे
राजधानी की रंग में ही रंगे पश्चिमी इलाके की समस्याएं और शिकायतें भी करीब-करीब एक सी हैं। शहरी क्षेत्र में जहां बरसात का पानी और नालों की गंदगी की वजह से जलजमाव की समस्या सताती है, तो पाटलिपुत्र संसदीय इलाके के छह विधानसभा क्षेत्रों में पुनपुन, सोन और गंगा नदियों के जलस्तर में वृद्धि होते ही लोग बाढ़ के डर से भी आशंकित हो जाते हैं। इस इलाके का बड़ा भाग दियारा के रूप में जाना जाता है और नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद एक तरह से शहरी क्षेत्र से कट जाता है। बड़े-बड़े नालों पर अतिक्रमण की मार इन क्षेत्रों ने भी झेली है। हालांकि, इस बार इससे काफी हद तक निजात मिली है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी सड़कों और पहुंच पथों की समस्या बनी हुई है। मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल, शौचालय जैसी योजनाओं की पहुंच इन क्षेत्रों में गांव-गांव तक हुई तो है, पर उम्मीदें अब भी ज्यादा हैं। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के साधनों के लिए भी ठोस पहल का इंतजार है।
रोजगार व शिक्षा की भी उठेगी बात
चुनाव के दौरान हर बार की तरह इस बार भी रोजगार, शिक्षा जैसे मुद्दे भी उठेंगे। वैसे क्षेत्र के लोगों में इस बात का संतोष भी है कि बिजली और गरीबों के कल्याण की कई योजनाओं में बेहतर काम हुए हैं। उज्ज्वला का सिलेंडर और कई योजनाओं की राशि खाते में आने से सुकून भी मिला है।
चुनाव वर्ष विजेता (पार्टी) : वोट प्रतिद्वंदी (पार्टी) : वोट
दानापुर विधानसभा क्षेत्र
2005 आशा देवी (बीजेपी): 49989 वोट रामानंदन यादव (आरजेडी): 32827 वोट
2010 आशा देवी (बीजेपी): 59425 वोट रीतलाल यादव (निर्दलीय): 41506 वोट
2015 आशा देवी (बीजेपी): 72192 वोट राजकिशोर यादव (आरजेडी): 66983 वोट
मनेर :
2005 श्रीकांत निराला (आरजेडी): 34669 वोट सच्चिदानंद राय (जेडीयू): 30538 वोट
2010 भाई वीरेंद्र (आरजेडी): 57818 वोट श्रीकांत निराला (जेडीयू): 48217
2015 भाई वीरेंद्र (आरजेडी): 89773 वोट श्रीकांत निराला (बीजेपी): 66945
फुलवारी विधानसभा क्षेत्र
2005 श्याम रजक (आरजेडी): 44999 वोट अरुण मांझी (जेडीयू): 44420 वोट
2010 श्याम रजक (जेडीयू): 67390 वोट उदय कुमार (आरजेडी): 46210 वोट
2015 श्याम रजक (जेडीयू): 94094 वोट राजेश्वर मांझी (हम): 48381 वोट
मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र
2005 पूनम देवी (जेडीयू): 41414 वोट राजकिशोर प्रसाद (आरजेडी): 30047 वोट
2010 अरूण मांझी (जेडीयू): 56977 वोट अनिल कुमार (एलजेपी): 51945 वोट
2015 रेखा देवी (आरजेडी): 89657 वोट नूतन पासवान (हम): 50471 वोट
पालीगंज विधानसभा क्षेत्र
2005 नंद कुमार नंद( माले एल): 30120 वोट उषा विद्यार्थी (बीजेपी): 29228 वोट
2010 उषा विद्यार्थी (बीजेपी): 43692 वोट जयवर्धन यादव (आरजेडी): 33450 वोट
2015 बच्चा यादव (आरजेडी): 65932 वोट रामजनम शर्मा (बीजेपी): 41479 वोट
विक्रम विधानसभा क्षेत्र
2005 अनिल कुमार (बीजेपी): 41140 वोट श्यामदेव सिंह (आरजेडी): 26967 वोट
2010 अनिल कुमार (बीजेपी): 38965 वोट सिद्धार्थ (एलजेपी): 36613 वोट
2015 सिद्धार्थ (कांग्रेस): 94088 वोट अनिल कुमार (बीजेपी): 49777 वोट