बिहारः एक घूंट की सजा 50 हजार, न दिया तो जेल में बिताना होगा तीन महीना-जानें क्या है मामला

एक घूूंट की सजा 50 हजार रुपये। ऐसा हुआ है बिहार के गोपालगंज में। मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद लवकुश कुमार के न्यायालय ने सोमवार ये सजा सुनाई। जानें क्या है मामला।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:51 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:51 PM (IST)
बिहारः एक घूंट की सजा 50 हजार, न दिया तो जेल में बिताना होगा तीन महीना-जानें क्या है मामला
सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद ने 50 हजार रुपये देने की सजा सुनाई है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, गोपालगंज: एक घूूंट की सजा 50 हजार रुपये। ऐसा हुआ है बिहार के गोपालगंज में। शराब पीने के एक मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद लवकुश कुमार के न्यायालय ने सोमवार को एकमात्र आरोपित को दोषी करार देते हुए उसपर 50 हजार रुपये अर्थदंड जमा करने की जा सुनाई। अर्थदंड की रकम जमा नहीं करने की स्थिति में दोषी युवक को तीन माह की साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने अर्थदंड की राशि 30 दिनों के अंदर न्यायालय में जमा करने का आदेश दिया है।

शराब के नशे में गिरफ्तार हुआ था युवक

जानकारी के अनुसार पांच अप्रैल 2017 को कटेया थाने की पुलिस रात्रि गश्त पर थी। इसी बीच पुलिस ने कटेया थाना क्षेत्र के सवनहां पोखरा के समीप शराब के नशे में सवनहां गांव के राजेश चौहान उर्फ राधे चौहान को गिरफ्तार किया। चिकित्सीय जांच में गिरफ्तार युवक के शराब के नशे में होने की पुष्टि के बाद पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध कटेया थाना कांड संख्या 80/2017 प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया।

30 दिनों के अंदर न्यायालय में राशि जमा करने का आदेश

इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद विशेष न्यायाधीश उत्पाद के न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर विशेष न्यायालय ने आरोपित राजेश चौहान उर्फ राधे चौहान को दोषी करार देते हुए उसपर 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। न्यायालय ने अर्थदंड की राशि 30 दिनों के अंदर न्यायालय में जमा करने का आदेश दिया है। इस मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक उत्पाद रवि भूषण श्रीवास्तव ने न्यायालय में बहस की। बता दें कि बिहार में शराबबंदी के बाद भी राज्य के विभिन्न जिलों से लगातार इसके मामले सामने आते रहते हैं। 

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