नीतीश कुमार सरकार का बड़ा तोहफा, अब बिहार विधानसभा में बनेगा डिजिटल म्यूजियम

बिहार विधानसभा क्षेत्र में डिजिटल म्यूजियम बनाया जाएगा। इस म्यूजियम में लाइब्रेरी समेत बिहार विधानसभा के सभी डाक्यूमेंट और वर्तमान की जानकारियों को डिजिटल किया जाएगा। इससे नई पीढ़ी को को डिजिटल विधानसभा के 100 साल का इतिहास जानने का मौका मिलेगा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 08:07 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 08:07 PM (IST)
नीतीश कुमार सरकार का बड़ा तोहफा, अब बिहार विधानसभा में बनेगा डिजिटल म्यूजियम
बिहार विधानसभा क्षेत्र में डिजिटल म्यूजियम बनाया जाएगा। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण टीम, पटना। राज्य की नीतीश सरकार ने ऐलान करते हुए कहा है कि बिहार विधानसभा क्षेत्र में डिजिटल म्यूजियम बनाया जाएगा। इस म्यूजियम में लाइब्रेरी समेत बिहार विधानसभा के सभी डाक्यूमेंट और वर्तमान की जानकारियों को डिजिटल किया जाएगा। इससे नई पीढ़ी को को डिजिटल विधानसभा के 100 साल का इतिहास जानने का मौका मिलेगा। अब विधानसभा के तमाम डाक्टयूमेंट डिजिटल हो जाएंगे। जनता दल यूनाइटेड ने इस विषय में पूरी जानकारी अपने Koo ऑफिशियल हैंडल पर दी है। पार्टी ने बताय कि इस म्यूजियम के माध्यम से लोग विधानसभा के 100 साल का इतिहास जान सकेंगे।

नौजवानों व आम लोगों को सरकार का तोहफा

बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। ऐतिहासिक बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष पर बिहार के नौजवानों व आम लोगों को भी तोहफा मिलेगा। लोगों को यहां की लाइब्रेरी में जाकर जानकारी लेने और ऐतिहासिक तथ्यों को पढ़ने का मौका मिलेगा। लाइब्रेरी समेत बिहार विधानसभा के तमाम डाक्टयूमेंट को डिजिटल किया जाएगा। इसके दो फायदे होंगे। एक तो सभी ऐतिहासिक तथ्य सुरक्षित हो जाएंगे, दूसरा इन्हें डिजिटल माध्यम से इसे देखा और पढ़ा जा सकेगा।

संग्रहालय की शक्ल में होगा गणतंत्र के पूर्व का सफरनामा

शताब्दी वर्ष के एक बड़े निर्णय के तहत बिहार विधानसभा के आजादी के बाद गणतंत्र पूर्व के सफरनामे को एक संग्रहालय की शक्ल में सजाया जाएगा। इस डिजिटल म्यूजियम में बिहार के अब तक के नामचीन राजनेताओं के विधायी कार्यों से जुड़ी यादें संजोयी जाएंगी। उनके अच्छे विचार और सदन में उनके हुए प्रमुख भाषण अंश लोगों के लिए संग्रहालय में उपलब्ध कराए जाएंगे। उपलब्ध सामग्रियों की बजाप्ता कैटलागिंग कराई जाएगी। वर्षवार और घटनाक्रमवार चीजें करीने से इस संग्रहालय में हों, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि इन्हें जानने-समझने की चाहत रखने वाले अध्येताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को इससे गुजरने में सहूलियत हो।

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