डी राजा का बड़ा आरोप: नीतीश के हाथों अपना एजेंडा लागू करा रही भाजपा; कन्हैया ने भी कही बड़ी बात
वामपंथी दलों ने बुधवार को पटना में विधानसभा चुनाव से पहले लोकतांत्रिक एवं समान विचारधारा वाली शक्तियों को एकजुट कर जनता को भाजपा-जदयू का विकल्प देने का संकल्प लिया।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में भाकपा का 80वां स्थापना दिवस के अवसर पर वामपंथी दलों ने विधानसभा चुनाव से पहले लोकतांत्रिक एवं समान विचारधारा वाली शक्तियों को एकजुट कर जनता को भाजपा-जदयू का विकल्प देने का संकल्प लिया। समारोह का उद्घाटन करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार नहीं, बल्कि भाजपा की सरकार है। भाजपा अपना एजेंडा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों से लागू करवा रही है। जब बिहार की जनता बाढ़ और सुखाड़ से तबाह हो रही थी, तब भाजपा एवं जदयू के लोग आपस में लड़ रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार पर जनविरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाना असली चुनौती है। मौके पर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भाकपा नेता कन्हैया कुमार भी भाजपा-जदयू गठबंधन पर खूब बरसे। पार्टी के राज्य मुख्यालय जनशक्ति भवन के परिसर में आयोजित समारोह में सभी जिलों के सचिवों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
बिहार में भी सत्ता पर पूरा कब्जा करना चाहती भाजपा: डी राजा
राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने कहा कि कहा कि बिहार में भी भाजपा सत्ता पर पूरा कब्जा करना चाहती है। इसलिए भाजपा यहां समाज को बांट रही है। अगले साल विधानसभा चुनाव है। यहां भाजपा-जदयू को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए जनता को नया विकल्प देना होगा। वहीं केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन और तेज करना होगा। उन्होंने कहा कि आज देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। छोटे-बड़े औद्योगिक कारखाने बंद हो रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने भाजपा का नारा 'सबका साथ, सबका विकास' की चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार सिर्फ अंबानी-अडानी समेत गिने-चुने पूंजीपतियों के विकास के लिए कार्य कर रही है। इनके ही पक्ष में सारे फैसले लिये जा रहे हैं। उन्होंने वीर सावरकर को 'भारत रत्न' देने की मांग पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को भी यह सम्मान दे सकती है। उन्होंने कहा कि मोदी की सरकार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और संविधान में दिए गए नागरिक अधिकारों को छीन रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो व्यक्ति भाजपा-आरएसएस और मोदी सरकार के नीतियों के विरुद्ध बोलता है, उसके खिलाफ देशद्रोह के मुकदमें किए जा रहे हैं।
भाजपा-जदयू के बीच मजबूरी का गठबंधन : कन्हैया
जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि भाजपा और जदयू के बीच मजबूरी का गठबंधन है। नीतीश कुमार के साथ भाजपा खेल रही है। भाजपा जिसके साथ भी जाती है, उसे 'सेट' कर देती है। इस लिहाज से भाजपा बिहार में आगे क्या करेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गठबंधन के बाद भाजपा ने पंजाब में अकाली दल को मृतप्राय कर दिया है। महाराष्ट्र में शिवसेना की हालत देख लें। वहां आदित्य ठाकरे को चुनाव में उतरवा दिया। अब भाजपा उसका हाल राहुल गांधी जैसा करने वाली है।
उन्होंने कहा कि अब बिहार में भाजपा के निशाने पर जदयू है। भाजपा सिर्फ सत्ता पाने के लिए अन्य दलों से गठबंधन करती है। उन्होंने कहा कि बिहार में बाढ़ व चमकी बुखार, राजधानी पटना में जलजमाव से जनता परेशान रही और भाजपा-जदयू 'कोना-कोना खेल रहे हैं। केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, पर हर समस्या हर बीमारी के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार करार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में कौन सीएम बनेगा, कौन पीएम बनेगा, इसका खेल छोड़ कर सभी वैकल्पिक शक्तियों को मिलकर सामाजिक-राजनीतिक गठबंधन बनाया जाना चाहिए।
सार्वजनिक संस्थाओं को निजीकरण घातक : अमरजीत कौर
भाकपा की राष्ट्रीय सचिव एवं एटक महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि मोदी सरकार सार्वजनिक संस्थाओं को निजी हाथों में बेच रही है। यह घातक है। पार्टी के सचिव सत्य नारायण सिंह ने बिहार में पार्टी की स्थापना और उसके कार्यों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर 1939 को बिहार में भाकपा की स्थापना मुंगेर में हुई थी। हमारी पार्टी ने देशर की आजादी की लड़ाई लड़ी। इसके बाद भाकपा जमींदारी एवं सामंती व्यवस्था एवं सामाजिक शोषण-उत्पीडऩ के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष किया। भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, भाकपा के राज्य सचिव कुणाल, केडी यादव, एसयूसीआई के मणिकांत पाठक समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया।