भारत बंद के दौरान बिहार में जगह-जगह ट्रेनें रोकीं; एनएच पर टेंट लगाकर घंटों रखा जाम

भारत बंद का बिहार में मिला-जुला असर देखा गया। जगह-जगह पर रैलियां निकाली गईं। केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए। बंद को राजद कांग्रेस वामदलों एवं जनाधिकार पार्टी ने समर्थन दिया था। महागठबंधन नेताओं ने बंद को सफल बताया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:16 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 09:43 PM (IST)
भारत बंद के दौरान बिहार में जगह-जगह ट्रेनें रोकीं; एनएच पर टेंट लगाकर घंटों रखा जाम
भारत बंद के दौरान पटना में विरोध जताते राजद कार्यकर्ता।

राज्य ब्यूरो, पटना : कृषि कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में भारत बंद का बिहार में मिला-जुला असर देखा गया। जगह-जगह पर रैलियां निकाली गईं। केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए। बंद को राजद, कांग्रेस, वामदलों एवं जनाधिकार पार्टी ने समर्थन दिया था। महागठबंधन नेताओं ने बंद को सफल बताया है। भागलपुर और बांका के मुख्य बाजार में असर नहीं के बराबर दिखा। सड़कों पर वाहन कम चले। जमुई में चकाई चौक पर कार्यकर्ताओं ने एनएच-333 को जाम कर दिया। लखीसराय में बाजार खुले रहे। खगड़िया में एनएच-31 को जाम रखा गया। सुपौल एवं मधेपुरा में व्यापक असर देखा गया। सहरसा, किशनगंज व अररिया में स्थिति सामान्य रही। कटिहार में शहीद चौक को दो घंटे तक जाम किया गया। पूर्णिया में जाप कार्यकर्ताओं ने सहरसा जाने वाली यात्री ट्रेनों को रोके रखा। पुलिस के हस्तक्षेप से ट्रेन रवाना की गई। 

मुजफ्फरपुर में सड़कों को जामकर प्रदर्शन किया गया। बगहा में मालगाड़ी को रोक दिया। बेतिया में चौक पर प्रदर्शन किया। नरकटियागंज में गांधीधाम एक्सप्रेस को रोका गया। पूर्वी चंपारण के कोटवा में राजद ने एनएच-27 पर टेंट लगाकर सभा की और घंटों आवागमन ठप रखा। चिरैया, मेहसी, तेतरिया में भी सड़कों को जाम किया गया। मधुबनी में राजद कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। वामदलों ने प्रतिवाद मार्च निकाला। ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिवाद मार्च व प्रदर्शन किया। समस्तीपुर और सीतामढ़ी शहर को बंद कराया। प्रदर्शन किया। शिवहर में  जुलूस निकाला गया। 

राजद ने राजधानी में निकाला जुलूस

राजधानी में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह नेतृत्व में महागठबंधन नेताओं ने बुद्धा स्मृति पार्क से प्रदर्शन किया। डाकबंगला चौराहे पर जुलूस की शक्ल में पहुंचे। जगदानंद ने कहा कि किसान दस माह से सड़कों पर बैठे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही। सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है। देश हित से खेल हो रहा है। कृषि कानून को वापस लेने की मांग करते हुए आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी। मौके पर अब्दुल बारी सिद्दीकी,  भोला यादव, जयप्रकाश नारायण यादव, श्याम रजक, आलोक मेहता, शिवचंद्र राम, भाई वीरेंद्र, रीतलाल यादव, एजाज अहमद, मृत्युंजय तिवारी, सारिका पासवान, प्रमोद कुमार सिन्हा, अरुण कुमार यादव, चंदेश्वर प्रसाद सिंह, विनोद कुमार यादव, मदन शर्मा, फैयाज आलम कमाल, डा. प्रेम कुमार गुप्ता, निराला यादव, जेम्स यादव आदि शामिल थे। 

सड़क पर उतरे कांग्रेस नेता

भारत बंद के दौरान कांग्रेस के नेता भी सड़क पर उतरे और बैनर-पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा कर रहे थे। डाकबंगला चौराहे पर डा. झा ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को पंूजीपतियों के चंगुल में फंसा कर गुलाम बनाना चाहती है। बंद में विजय शंकर दुबे, प्रतिमा कुमारी, राजेश राठौड़, लाल बाबू लाल, ऋषि मिश्रा, गुंजन पटेल, चंद्रप्रकाश,आशुतोष शर्मा, शशि रंजन, मृणाल अनामय समेत दूसरे नेता मौजूद रहे। 

जाप ने बैनर-पोस्टर के साथ की नारेबाजी

भारत बंद के समर्थन में जन अधिकार पार्टी के नेता बैनर पोस्टर के साथ सड़क पर उतरे और जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान प्रधान महासचिव रघुपति सिंह ने कहा केंद्र सरकार किसान विरोधी हैं। प्रेमचंद सिंह ने कहा कानून पूंजीपतियों के फायदे के लिए लाए गए हैं। महासचिव राजेश रंजन पप्पू ने कहा कि कानून वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा। बंद में राजू दानवीर, शान परवेज, पूनम झा, सुप्रिया खेमका,  आजाद चांद, अकबर अली, नवल किशोर यादव समेत दूसरे नेता शामिल हुए। 

भारतीय जन परिवार पार्टी भी उतरी सड़क पर

बंद के समर्थन में भारतीय जन परिवार पार्टी के नेता अध्यक्ष पृथ्वी कुमार माली के नेतृत्व में सड़क पर उतरे और बंद का समर्थन किया। हाथों में बैनर पोस्टर लेकर नेताओं ने केंद्र सरकार से विवादित कानून वापस लेने की मांग की। माली ने कहा कि केंद्र सरकार को अभिलंब तीनों कृषि कानून वापस लेना चाहिए। प्रदर्शन में सुधीर कुमार मालाकार, पंकज कुमार, मुकेश सैनी, हरीश कुमार, अजय कुमार मालाकार समेत दूसरे नेता भी शामिल हुए। 

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