बिहार में एंट्री से पहले लालू यादव ने बताया वापस दिल्ली लौटने का प्लान, जानें कितने दिन पटना में रहेंगे

आरजेडी समर्थकों को बिहार के पूर्व सीएम लालू का बेसब्री से इंतजार था। दिल्ली से पटना के लिए निकलते समय ही लालू ने बता दिया है कि वह कितने दिनों तक बिहार में रहेंगे। लालू ने कहा कि डाक्टर ने एक महीने की दवा दी है फिर वापस आना है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 03:52 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 03:52 PM (IST)
बिहार में एंट्री से पहले लालू यादव ने बताया वापस दिल्ली लौटने का प्लान, जानें कितने दिन पटना में रहेंगे
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव। जागरण आर्काइव।

जागरण टीम, पटना। करीब साढ़े तीन साल बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बिहार में एंट्री हो गई है। बेटे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विधायक तेजप्रताप यादव के बीच चल रही तल्खियों के दौरान लालू का यह आगमन काफी अहम माना जा रहा है। बिहार की तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव भी होने हैं। आरजेडी समर्थकों को बिहार के पूर्व सीएम लालू का बेसब्री से इंतजार था। दिल्ली से पटना के लिए उड़ान भरने से पहले ही लालू ने बता दिया है कि वह कितने दिनों तक बिहार में रहेंगे। रविवार को मीडिया से बातचीत में लालू ने कहा कि डाक्टर ने एक महीने की दवा दी है, उसके बाद लौटना है। हालांकि लालू को कब वापस दिल्ली आना है? यह उन्होंने साफ नहीं किया। 

लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के मामले में अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं। अस्वस्थ होने के कारण राजद सुप्रीमो बड़ी बेटी व राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में ठहरे हैं। यहां लालू चिकित्सकों की निगरानी में रह रहे हैं। उनके बिहार आने की अटकलें काफी दिनों से लग रही थीं। कुछ दिन पहले राबड़ी देवी ने यह कहते हुए बिहार में लालू के समर्थकों को निराश कर दिया था कि वह अभी स्वस्थ नहीं हैं। पटना आने में देर हो सकती है। हालांकि लालू के आने को लेकर अब कोई किंतु-परंतु नहीं रह गया है। तेजस्वी ने रविवार को कहा कि लालू के आने के बाद आगे के प्लान तय किए जाएंगे। वहीं राजद ने कुशेश्वस्थान और तारापुर चुनाव में प्रचार के लिए जारी की अपनी स्टार प्रचारकों की सूची से पहले ही यह साफ कर दिया था कि लालू पटना आएंगे। हां और ना के बीच अब लालू के आने पर बिहार में सियासत कैसे बदलेगी इस पर राजनीतिक पंडितों की नजर बनी हुई है। 

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