होली से पहले पटना में सज गया है कपड़ों का बाजार, पिछले साल की अपेक्षा 10 फीसद बढ़ी हैं कीमतें
पटना की दुकानों और फुटपाथ पर सजने लगा होली का बाजार बाजार में चटख होने लगा कपड़े का रंग कोरोना पूर्व जैसा कारोबार होने की जगी उम्मीद नई पेशकश का दौर हुआ शुरू खरीदारी भी पकड़ रही रफ्तार
पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी से बचाव के लिए शुरू टीकाकरण अभियान ने होली के बाजार को चटख कर दिया है। लोग सतर्क तो हैं, लेकिन अब डर का माहौल नहीं रह गया है। इससे विक्रेता व खरीदार दोनों उत्साहित हैं। पिछले साल के मार्च के बाद पहली बार खुलकर खरीदारी होने की उम्मीद है। इसके लिए कपड़ा बाजार सज-धजकर तैयार है। उम्मीद यह कि कपड़ा बाजार इस बार कोरोना के पहले जैसा कारोबार करेगा।
बाजार में नई पेशकश का सिलसिला शुरू
बाजार में नई पेशकश होने का सिलसिला शुरू हो गया है। सूती और सिल्क साडिय़ां, सलवार-सूट, पायजामा-कुर्ता, बच्चों के परिधान अनगिनत नई डिजाइन में पेश किए गए हैं। बाजार के जानकार विष्णु जालान ने कहा, पिछले साल दुर्गा पूजा पर भी लोग खरीदारी नहीं कर पाए थे। बाजार में भी पुराने स्टॉक ही बिके। अब नए स्टॉक का दौर शुरू हो गया है। फैंसी परिधानों की पेशकश खास तौर से हुई है। डिजाइनर कपड़ों का बाजार में बोलबाला है। लोग भी उत्साहित हैं, इसलिए कोरोना पूर्व जैसा कारोबार संभावित है।
20 से 25 करोड़ तक का होता है कारोबार
जानकारों का मानना है कि पटना में लग्न व त्योहारों के सीजन में थोक व रिटेल में प्रतिदिन 20 से 25 करोड़ रुपये के बीच कपड़ा कारोबार होता है। 2020 मार्च में कोरोना काल शुरू होने के बाद से ही बाजार में सुस्ती छाई है। बिहार चैंबर ऑफ टेक्सटाइल एंड इंडस्ट्रीज के महामंत्री रंजीत सिंह ने कहा, अब दुकानों में ग्राहक आने लगे हैं। खरीदारी शुरू हो गई है। बाजार के जानकारों का कहना है कि कपड़ों की कीमत में औसतन 10 फीसद की वृद्धि हुई है।
एक सप्ताह में जोर पकड़ लेगी खरीदारी
कच्चा माल महंगा होने, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत बढ़ने और कपड़ों की मांग बढ़ने से कपड़ों की कीमत बढ़ी है। हालांकि बिक्री पर इसका असर नहीं होगा, क्योंकि उत्साह का माहौल फिर बन गया है। विक्रेताओं का कहना है कि डिजाइनर पायजामा-कुर्ता बाजार में आ गए हैं। कोलकाता और दिल्ली के कुर्ते की डिजाइनें पसंद की जा रही हैं। इस सप्ताह के बाद खरीदारी और रफ्तार पकड़ लेगी।
कपड़े और कीमत
सूती साडिय़ां - 800 से 2500 रुपये
सिल्क साडिय़ां - 1500 से 12,000 रुपये
सलवार-सूट-700 से 2500 रुपये
पायजामा-कुर्ता- 500 से 2500 रुपये
बच्चों के फैंसी परिधान - 400 से 2200 रुपये