आरा के सरकारी अस्पताल में फर्श पर लेटने को मजबूर हुए मरीज, गंभीर बीमार को भी नहीं मिल रहा बेड

करीब चार मरीज बेड के अभाव में फर्श पर ऑक्सीजन चढ़वाने को विवश थे। इनके लिए बेड की व्यवस्था करने वाला कोई नहीं था। मरीज और स्वजन दोनों परेशान थे। इमरजेंसी कक्ष के डॉक्टर भी परेशान थे। उन्होंने बताया कि अभी तक 40 से अधिक गंभीर मरीज आ चुके हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 12:58 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 12:58 PM (IST)
आरा के सरकारी अस्पताल में फर्श पर लेटने को मजबूर हुए मरीज, गंभीर बीमार को भी नहीं मिल रहा बेड
आरा सदर अस्‍पताल में इस तरह हो रहा इलाज। जागरण

आरा, जागरण संवाददाता। भोजपुर जिले के सदर अस्पताल, आरा में सांस की तकलीफ से परेशान मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। हालांकि, मरीजों कि बढ़ती संख्या के अनुपात में बेडों की संख्या नहीं बढ़ सकी है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी पोल खुली 'दैनिक जागरण' के आन द स्पाॅट में। शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे थे जब जागरण टीम सदर अस्पताल, आरा के इमरजेंसी कक्ष में पहुंची थी। इमरजेंसी कक्ष में कुल दस बेड लगे थे, जो पूरी तरह मरीजों से भरे पड़े थे।  एक भी बेड खाली नहीं था।

चार मरीजों को जमीन पर लिटाकर दिया जा रहा था ऑक्‍सीजन

करीब चार मरीज बेड के अभाव में फर्श पर ऑक्सीजन चढ़वाने को विवश थे। इनके लिए बेड की व्यवस्था करने वाला कोई नहीं था। मरीज और स्वजन दोनों परेशान थे। उस समय इमरजेंसी कक्ष के डॉक्टर भी परेशान थे। उन्होंने बताया कि अभी तक 40 से अधिक गंभीर मरीज आ चुके हैं। अधिकांश को सांस लेने में परेशानी का सिमटम है। सभी भर्ती करने के लिए दबाव बना रहे है। लेकिन, इमरजेंसी कक्ष में जगह नहीं है। इसके चलते वे भी विवश है।

बक्सर से इलाज को आए थे, सांस लेने में परेशानी होने पर इमरजेंसी में आ गए

बक्सर जिले के सिमरी निवासी जटाधारी पासवान इलाज कराने के लिए आरा के किसी प्राइवेट अस्पताल में आए थे। इस दौरान सांस लेने में परेशानी बढ़ने के बाद स्वजन सदर अस्पताल, आरा के इमरजेंसी कक्ष में पहुंच गए। बीमार मरीज के भाई ने बताया कि इमरजेंसी कक्ष में आने पर डॉक्टर से भर्ती करने के लिए गुहार लगाई। डॉक्टर ने कहा कि इमरजेंसी में बेड फुल  है। चूंकि, ऑक्सीजन चढ़वाना जरूरी था इसलिए फर्श पर ही आक्सीजन चढ़वा रहे है। खांसी व सांस की बीमारी से परेशान है। तीन अप्रैल को कोविड को टीका भी पड़ा था। बाद में तबीयत बिगड़ गई।

कैलाश नगर से आई थी बुजुर्ग महिला, फर्श पर करवा रही थी इलाज

आरा शहर के गोढ़ना रोड, कैलाश नगर निवासी रामेश्वर राय की 58 वर्षीय पत्नी प्रभादेवी भी सांस की बीमारी से परेशान थी। परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में लाए थे। डॉक्टर ने देखने के बाद ऑक्सीजन चढ़ाने की सलाह दी। उस समय इमरजेंसी कक्ष में एक भी बेड खाली नहीं था। ऐसे में महिला मरीज के स्वजन फर्श पर ही बुजुर्ग महिला को लिटाकर ऑक्सीजन चढ़वा रहे थे। बरामदे में ही बड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर रखा हुआ था। जिसके सहारे स्वजन ऑक्सीजन चढ़ा रहे थे। स्वजनों ने बताया कि सांस लेने में दिक्कत हो रही है। खांसी व कमजोरी है। जिसके चलते इलाज के लिए लाए है।

40 किलोमीटर दूर से आए थे भगवती सिंह, वह भी पड़े थे फर्श पर

जिला मुख्यालय आरा से करीब 40 किलोमीटर दूर पीरो है। पीरो प्रखंड के रजेयां गांव निवासी भगवती सिंह को सांस लेने में परेशानी थी। इसलिए स्वजन इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में लाए थे। स्वजन अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में पहुंचे तो पता चला कि कक्ष में बेड फुल है। ऐसे में वे फर्श पर ही लिटाकर आॅक्सीजन चढ़वा रहे थे। सांस लेने में परेशानी थी इसलिए कोई विकल्प भी नहीं था। दो बजे के बाद जब दूसरे गंभीर मरीज रेफर हुए तब जाकर  भगवती सिंह को बेड पर जगह मिल सकी। तब तक फर्श पर ही पड़े रहे। साथ में आए स्वजन भी फर्श पर चादर बिछाकर बैठे हुए थे।

chat bot
आपका साथी