फोटो कॉपी को दिया है आधारकार्ड तो हो जाएं सावधान, फिल्म 'जामताड़ा' देखकर ठगने वाला है फरार

पटना से गिरफ्तार साइबर ठगों के पास से दूसरे के बैंक खाते से निकाले गए 1.20 लाख रुपये नकद दूसरे के नाम के चार एटीएम कार्ड दो मोबाइल चेकबुक एवं अपाचे बाइक बरामद की गई है। ये जामताड़ा फिल्म देखकर ठगी करना सीखे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 06:18 AM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 07:30 AM (IST)
फोटो कॉपी को दिया है आधारकार्ड तो हो जाएं सावधान, फिल्म 'जामताड़ा' देखकर ठगने वाला है फरार
पटना में सायबर ठग सक्रिय हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना: राजधानी में इन दिनों साइबर ठग लगभग रोज कहीं न कहीं किसी को झांसा देकर उनके बैंक खाते से मोटी राशि निकाल ले रहे हैं। सबकुछ डिजिटल तरीके से हो रहा है। इस कारण अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर रहते हैं। पत्रकारनगर पुलिस ने रविवार की देर रात साइबर अपराधियों के गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से दूसरे के बैंक खाते से निकाले गए 1.20 लाख रुपये नकद, दूसरे के नाम के चार एटीएम कार्ड, दो मोबाइल, चेकबुक एवं अपाचे बाइक बरामद की गई है। गिरफ्तार अपराधी नालंदा जिले के बेन थाना क्षेत्र के गंगटी गांव निवासी अखिलेश कुमार एवं झउर गांव निवासी राकेश उर्फ सत्या हैं। पूछताछ के दौरान दोनों अपराधियों ने अपने सरगना का नाम भी बताया है। 

तीन के साथ ठगी के बाद हरकत में आई थी पुलिस

पत्रकारनगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि पिछले एक सप्ताह के दौरान उनके थाना क्षेत्र में तीन लोगों के साथ साइबर ठगी हुई। रविवार की देर रात 90 फीट सड़क के मोड़ पर गश्ती की जा रही थी। अचानक सामने से आ रही एक अपाचे बाइक पर सवार दो लोग पुलिस को देख भागने की कोशिश करने लगे। दोनों का हिरासत में लेकर जब उनकी तलाशी ली गई तब उनके पास से 1.20 लाख रुपये नकद, दो मोबाइल, अपाचे बाइक, चेकबुक एवं दूसरे के नाम के चार एटीएम कार्ड भी जब्त किए गए। 

जामताड़ा फिल्म देखकर धंधे में आए

पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे लोग जामताड़ा फिल्म देखकर ही इस धंधे में आए थे। दोनों अपने अपने क्षेत्र के गरीब लोगों के नाम से बैंक का खाता खोलवाते हैं, बदले में उन्हें प्रति ट्रांजैक्शन 500 रुपये दिए जाते हैं। उनका एटीएम भी रख लिया जाता है। जैसे ही कोई आदमी फंसता है उसके बैंक खाते से पूरी राशि गायब कर इन गरीबों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। इसके तुरंत बाद इन खाते से पूरी राशि निकाल ली जाती है। इसके बाद राशि को सरगना के बैंक खाते में तत्काल डाल दिया जाता है। वह किसी महानगर में होता है। वहां से सरगना द्वारा नकद राशि निकाल दूसरे खाते में डाल दी जाती है। 

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