रहें अलर्ट 'क्लोनिंग' से हैक हो सकता है आपका ATM कार्ड, बरतें ये सावधानियां...

आप पैसे के भुगतान के लिए अपना डेबिट कार्ड का क्रेडिट कार्ड से स्वाइप करते हैं तो अापको सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि आपके कार्ड पर कार्ड क्लोनिंग करने वाले साइबर अपराधियों की नजर है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 12:34 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 10:05 PM (IST)
रहें अलर्ट 'क्लोनिंग' से हैक हो सकता है आपका ATM कार्ड, बरतें ये सावधानियां...
रहें अलर्ट 'क्लोनिंग' से हैक हो सकता है आपका ATM कार्ड, बरतें ये सावधानियां...

पटना [आशीष शुक्ला]। आप एटीएम, होटल, शॉपिंग मॉल या पेट्रोल पंप पर भुगतान के नाम पर अगर डेबिट या क्रेडिट कार्ड स्वाइप करते हैं, तो सावधान हो जाएं। आपके कार्ड पर कार्ड क्लोनिंग करने वाले जालसाजों की नजर है। पटना पुलिस के हत्थे चढ़े हैकर्स गिरोह के पांचों जालसाज के पास ऐसे उपकरण बरामद हुए हैं।

पूछताछ में पता चला कि गिरोह में तीन दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं। जालसाज इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से एटीएम कार्ड का डाटा चुराकर क्लोन कार्ड में अपलोड कर देते हैं। कार्ड क्लोनिंग करने वाले गिरोह के सदस्यों ने कई और राज उजागर किए हैं। 

हर दिन आधा दर्जन लोगों को बनाते है शिकार 

एटीएम क्लोनिंग करने वाले गिरोह का सरगना मोहित जेल में है। उसकी गिरफ्तारी के बाद पूरे गिरोह को  सुधाकर, रोहित और गुलशन संचालित करने लगे थे। सुधाकर ने पुलिस को बताया कि हर दिन पटना में आधा दर्जन से अधिक लोगों के कार्ड की क्लोनिंग करते थे और कम से कम दो लाख रुपए की शॉपिंग करते थे।

पिछले छह माह से गिरोह इस धंधे में जुड़ा है। पुलिस की मानें तो कोतवाली, पीरबहोर, कदमकुआं, शास्त्रीनगर, गर्दनीबाग, गांधी मैदान थाने में ऐसे मामले दर्ज हैं, जिसमें ग्राहक के पास एटीएम कार्ड मौजूद था, लेकिन उनके खाते से हजारों रुपए की शॉपिंग हो गई है। 

ऐसा बनता है डुप्लीकेट कार्ड

क्लोनिंग करने वाले जालसाज बैंक का मोनोग्राम और हूबहू कार्ड तैयार नहीं कर सकते। ऐसे में ये लोग स्कीमर में कॉपी किया गया डाटा एक प्लेन कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप में कॉपी कार्ड मशीन के जरिए एक स्वैप में ही सेव कर लेते हैं।

सबसे खास बात यह है कि नकली कार्ड के प्लेन होने के कारण शॉपिंग के लिए इसका इस्तेमाल मिलीभगत के बाद ही किसी शोरूम में किया जा सकता है। गिरफ्तार सुधाकर ने बताया कि स्कीमर डीएक्स-3 ऑनलाइन शॉपिंग कर 17 हजार रुपए में मंगाया था, जो चीन में बनती है।

साथ में मिनी डीएक्स-3 जो मुट्ठी में आने वाले उपकरण है, यह एटीएम कार्ड के मैग्नेटिक डेटा (जो ब्लैक कलर की पट्टी में होता है) को कॉपी कर लेता है। फिर लैपटॉप या पीसी में कनेक्ट कर ग्राहक का एटीएम नंबर नोट पैड पर कॉपी पेस्ट कर लिया जाता है। उसे एमएसआर सॉफ्टवेयर की मदद से क्लोन एटीएम बना लिया जाता है। 

कैसे और कहां बरतें सावधानी

सबसे बड़ा खतरा पेट्रोल पंप और रेस्टोरेंट में होता है। बड़े शोरूम या मॉल के मुकाबले छोटी दुकानों पर डाटा चोरी करने की आशंका ज्यादा है। ध्यान रखें कि कार्ड ईडीसी के अतिरिक्त किसी दूसरी मशीन में स्वैप न किया गया हो। अपने सामने कार्ड स्वैप कराएं।

भूल कर भी वेटर या अन्य किसी को एटीएम कार्ड स्वेप करने के लिए चंद सेकेंड के लिए भी न दें। पासवर्ड डालने से पहले यह देख लें कि आसपास या ऊपर सीसी कैमरे तो नहीं लगे हैं। अगर ऐसा है तो उसे हाथ से ढंक कर पिन कोड डालें। अगर पहले कभी ऐसा हुआ है तो फौरन एटीएम का पिन कोड बदल दें।

एेसे रहें अलर्ट

-अपना बैंक स्टेटमेंट लगातार चेक करें।

-ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करें

-कार्ड के पीछे मौजूद अपना तीन अंकों का कार्ड वेरीफीकेशन वैल्यू (सीवीवी) किसी को न दें

-क्रेडिट कार्ड नंबर और सीवीवी नंबर की जानकारी भी इंटरनेट के जरिए खरीदारी करा सकती है

बदल दें डेबिट कार्ड का पिन 

एटीएम से रकम निकालने से पहले जांच लें कि वहां अलग से कोई मशीन यानी स्कीमर तो नहीं है। स्वैपिंग पॉइंट के अगल-बगल हाथ लगाकर देखें। कोई वस्तु नजर आए तो सावधान हो जाएं। स्कीमर की डिजाइन ऐसी होती है कि वह मशीन का पार्ट लगे। की-पैड का एक कोना दबाएं, अगर पैड स्कीमर होगा तो एक सिरा उठ जाएगा। मौजूदा समय में जरूरी है कि डेबिट कार्ड का पिन बदल दें। इससे जालसाजों के जाल में फंसने से बच सकते हैं।

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