बिहार के दर्जनभर बीडीओ पर कार्रवाई, आवास योजना में मनमर्जी करने की मिली सजा

कहीं आवास योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा है कहीं एक ही व्यक्ति को दो-दो घर दे दिए गए हैं। बिहार में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में गड़बड़ी के अजीबोगरीब किस्से सामने आ रहे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 03:26 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 03:26 PM (IST)
बिहार के दर्जनभर बीडीओ पर कार्रवाई, आवास योजना में मनमर्जी करने की मिली सजा
आवास देने में लापरवाही बरतने पर बीडीओ कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में गड़बड़ी के अजीबोगरीब किस्से सामने आ रहे हैं। कहीं आवास योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा है, कहीं एक ही व्यक्ति को दो-दो घर दे दिए गए हैं। दरभंगा जिला के बेनीपुर की तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी पुष्पा लाल ने 43 लोगों को इंदिरा आवास की दो-दो इकाइयां दे दीं। पुष्पा लाल इस समय समस्तीपुर में महिला प्रसार पदाधिकारी के पद पर हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई है। रोहतास जिला के अकोढ़ी गोला में प्रखंड विकास पदाधिकारी रहने के दौरान सुशील कुमार पर लोहिया स्वच्छ बिहार मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, नल जल एवं नाली गली योजना को समय पर पूरा न करने का आरोप लगा था। दो वेतन वृद्धि पर रोक के अलावा निंदन की सजा दी गई है। मुजफफरपुर के साहेबगंज के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी मो युनूस सलीम को निंदन की सजा इसलिए दी गई कि उन्होंने दो ऐसे लोगों को आवास दे दिया, जो इसके हकदार नहीं थे।

मुजफ्फरपुर जिला के औराई में प्रखंड विकास पदाधिकारी रहने के दौरान सत्येंद्र प्रसाद यादव पर आरोप लगा कि उन्होंने प्राथमिकता सूची को दरकिनार कर पांच लोगों को आवास दे दिया। सत्येंद्र के एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। पूर्वी चंपारण जिला के पीपराकोठी के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी रितेश कुमार को चेतावनी की सजा दी गई है। उन पर इंदिरा आवास को पूरा करने में घोर लापरवाही का आरोप प्रमाणित हो गया। उनकी सफाई को विभाग ने भ्रामक एवं तथ्यहीन माना। पटना जिला के पुनपुन के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अजीत कुमार प्रसाद को भी चेतावनी दी गई है। उन पर इंदिरा आवास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के अलावा सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी अन्य योजनाओं में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगा। जांच में ये आरोप प्रमाणित भी हुए।

सुस्ती पर भी कार्रवाई

कटिहार जिला के कुर्सेला की तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी नूतन कुमारी पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। सुस्ती के आरोप में उनकी एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है। जांच में पाया गया कि उनके कार्यकाल में कोई भी सरकारी योजना निर्धारित गति से नहीं चल पा रही थी। पूर्णिया जिला के अमौर के प्रखंड विकास पदाधिकारी रघुनंदन आनंद पर सामान्य लापरवाही के अलावा मुख्यमंत्री नाली गली योजना में सुस्ती बरतने का आरोप है। भविष्य में उन्हें सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

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