जब तक यह डीएम रहेगा, नहीं हो सकेगा काम; बिहार विधान परिषद में सभापति को आखिर क्यों कहना पड़ा ऐसा
Bihar News बिहार विधान परिषद में बुधवार को ध्यानाकर्षण के दौरान अफसरशाही का मुद्दा गर्म रहा। भूमि एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय और श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार दोनों को ही उनके विभाग से जुड़े अफसरों की मनमानी के सवाल से दो-चार होना पड़ा।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधान परिषद में बुधवार को ध्यानाकर्षण के दौरान अफसरशाही का मुद्दा गर्म रहा। भूमि एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय और श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार दोनों को ही उनके विभाग से जुड़े अफसरों की मनमानी के सवाल से दो-चार होना पड़ा। खुद कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी अफसरों के रवैये पर आपत्ति जताई और कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पहला मामला भोजपुर के पीरो प्रखंड के कोथुआं ग्राम में आइटीआइ की स्थापना से जुड़ा था। संजय पासवान ने ध्यानाकर्षण के दौरान यह मुद्दा उठाया।
संजय पासवान के सवाल पर मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि इसी सप्ताह पत्र निकलेगा। हम इसी वित्तीय वर्ष में भूमि अधिग्रहण करने जा रहे हैं। इस पर सभापति ने कहा कि जब तक ये डीएम रहेगा, काम नहीं होगा। इतने साल हो गए अभी तक एक कदम भी काम आगे नहीं बढ़ा। आपकी बात पर विश्वास कैसे करें? कैबिनेट से स्वीकृति के बावजूद प्रधान सचिव ने जगह बदल दी थी। आप कार्रवाई क्या करेंगे, यह बताइए?
इस पर मंत्री ने कहा कि मार्च तक जमीन अधिग्रहण का काम हो जाएगा। इसमें बाधा बनने वाले अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगले वर्ष तक भवन निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद सभापति ने आसन से नियमन दिया कि यह ध्यानाकर्षण बजट सत्र में स्वत: आएगा। इस विषय पर फिर चर्चा की जाएगी।
कोईलवर पीड़ित प्रखंड है, देखिए मंत्री जी
दूसरा मामला आरा के कोईलवर प्रखंड के धनडीहा गांव में जमीन कब्जे से जुड़ा था। संजीव श्याम सिंह ने ध्यानाकर्षण के दौरान मामला उठाते हुए बताया कि सीओ व अन्य अफसरों की मिलीभगत से जमीन कब्जाने का खेल चल रहा है। प्रभारी मंत्री को बोलने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इस पर कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि मंत्री जी, कोईलवर पीड़ित प्रखंड है। कोरोना के मरने वालों को मुआवजा नहीं मिलता है। मंत्री जी इसको दिखवाइए। जवाब देते हुए भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि दो दिन में इस मामले का निष्पादन होगा। कागज उपलब्ध कराइए। अगर जमीन कब्जा करने की नीयत से कागज में कोई भी छेड़छाड़ हुई होगी तो दोषी कर्मियों को सीधे निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी।