ऐशगाह है घूसखोर इंजीनियर अरविंद का फ्लैट, शराब-शबाब का भी रहता था पूरा इंतजाम
निगरानी की टीम ने सोमवार को एक घूसखोर इंजीनियर को 16 लाख रुपये घूस लेते उसके फ्लैट से गिरफ्तार किया था। उस इंजीनियर का फ्लैट एेशगाह था जहां शराब-शबाब का पूरा इंतजाम था।
पटना [नकी इमाम]। राजीव नगर थानान्तर्गत अंबेडकर पथ स्थित हरिचरण अपार्टमेंट में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार को सोमवार की सुबह निगरानी की टीम ने 16 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। घूसखोर इंजीनियर अरविंद कुमार के फ्लैट की जब पड़ताल की गई तो पता चला कि उसका फ्लैट किसी एेशगाह से कम नहीं था। वहां शराब औऱ शबाब का भी पूरा इंतजाम रहता था। फ्लैट से बरामद शराब की बोतलें इसकी गवाही दे रही थीं।
हरिचरण अपार्टमेंट में इंजीनियर अरविंद के दो फ्लैट हैं। फ्लैट नंबर 308 व 401। अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर फ्लैट नंबर 308 के ठीक ऊपर चौथे व अंतिम तल पर फ्लैट संख्या 401 है। पड़ोसियों ने बताया कि अरविंद ने बिल्डर से ये दोनों फ्लैट इस मकसद से खरीदे कि उसे डुप्लेक्स बना सके और छत का बड़ा हिस्सा उसके कब्जे में रहे लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया।
एेशगाह था घूसखोर इंजीनियर का फ्लैट
निगरानी को जांच के क्रम में मालूम हुआ कि फ्लैट नंबर 401 ऐशगाह की तरह इस्तेमाल किया जाता था। अरविंद ने कार्यस्थल पर कभी रिश्वत नहीं ली। वह ठेकेदारों व दलालों को रुपये लेकर पटना बुलाता था। उन्हें फ्लैट में रखता और खाता-पिलाता भी थी। फ्लैट की सजावट पर अरविंद ने लगभग 25 लाख रुपये खर्च किए थे। इससे आकर्षक फर्नीचर, लाइटिंग और सजावट के सामान खरीदे थे।
अरविंद इस फ्लैट में रिश्तेदारों या ससुराल पक्ष के लोगों को लेकर नहीं जाता था। पुलिस ने फ्लैट से विदेशी शराब की एक बोतल बरामद की है, जो करीब 100 एमएल शराब बची थी। डीआइजी शंकर झा ने बताया कि शराब के बारे में छापेमारी दल ने अब तक नहीं बताया है। ऐसा हुआ तो स्थानीय थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
हमेशा चौकन्ना रहता था अरविंद
अरविंद हमेशा चौकस रहता था। उसने कई जगह कैमरा लगा रखा है, जिसकी निगरानी फ्लैट संख्या 401 से बैठकर करता है। निगरानी के लिए उसे पकड़ पाना बड़ी चुनौती थी। टीम के सदस्यों ने सुनियोजित ढंग से रणनीति रची और एक किलोमीटर दूर गाड़ी लगाई। इसके बाद शिकायतकर्ता के साथ निगरानी टीम के सदस्य को दोस्त की तरह भेजा, जिसके कारण अरविंद को शक नहीं हो पाया।
नगर निगम में भी रहा है अरविंद
16 लाख नकदी के साथ गिरफ्तार अरविंद कुमार पटना नगर निगम में भी कार्यपालक अभियंता रहा है। करीब 25 वर्ष पहले जूनियर इंजीनियर में इसकी नियुक्ति हुई थी। उस वक्त भी उसपर कई गंभीर आरोप लगे थे। इससे पहले वह मधेपुरा में पथ निर्माण विभाग में एसडीओ था। निगरानी सूत्रों के मुताबिक नोट जलाने पर अरविंद की पत्नी और बेटे के खिलाफ इंडियन करेंसी एक्ट और सबूत मिटाने के बाबत आइपीसी 201 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।