राजधानी में बनेगा एक्वा पार्क, रंगीन मछलियों के बीच लोग करेंगे सैर
पर्यटन के साथ ही खुलेंगे रोजगार के नये अवसर
नीरज कुमार, पटना। राजधानी में रंगीन मछलियों के लिए एक्वा पार्क बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारी काफी जोर-शोर से चल रही है। रंगीन मछलियों की मांग राजधानी में काफी तेजी से बढ़ रही है। अन्य जिलों में भी लोग रंगीन मछलियों की मांग कर रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने इस वर्ष 576 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। रंगीन मछली प्रजनन के लिए उद्यम स्थापित करने वाले युवाओं को 60 फीसद अनुदान केंद्र सरकार की ओर से दिया जाएगा।
राज्य सरकार के मत्स्य विभाग ने प्रदेश में रंगीन मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। मीठापुर स्थित मत्स्य केंद्र पर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विपिन का कहना है कि जरूरत पड़ी तो ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा। बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के अध्यक्ष ऋषिकेश कश्यप का कहना है कि रंगीन मछलियों की मांग प्रदेश में तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में रंगीन मछली के लिए राज्य पूरी तरह से कोलकाता पर निर्भर है। वहां से प्रतिदिन काफी संख्या में रंगीन मछलियां आती हैं। राज्य में प्रतिमाह चार से पांच करोड़ रुपये की रंगीन मछलियां प्रतिवर्ष आती हैं।
पांच एकड़ के तालाब में एक्वा पार्क बनाने की तैयारी
अगले साल से राज्य में रंगीन मछलियों का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस क्षेत्र में काफी संख्या में लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बाजार समिति के पास पांच एकड़ का बड़ा सा तालाब है। वहां पर एक्वा पार्क विकसित किया जा सकता है।
देसी प्रजातियों से विकसित की जाएगी नई प्रजाति
रंगीन मछलियों पर मीठापुर मत्स्य अनुसंधान संस्थान में रिसर्च शुरू कर दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में 80 प्रजाति की रंगीन मछलियां पाई जाती हैं। उनसे नई प्रजाति की मछली तैयार की जाएगी। इसके लिए मत्स्य विज्ञानियों की टीम तैयार कर दी गई है। रिसर्च अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन जल्द ही इसके बेहतर परिणाम सामने आने की उम्मीद है।