थाने का 10 साल पुराना तक कोई भी डाटा एक क्लिक पर मिलेगा, बिहार में चल रही विशेष तैयारी

Bihar Crime पुलिस मुख्यालय के अनुसार राज्य के 42 पुलिस जिलों के पिछले 10 साल के पुलिस रिकार्ड के डिजिटाइजेशन का काम तेजी से जारी है। पुलिस रिकार्ड की डिजिटल कापी तैयार हो जाने के बाद उसे कहीं से भी एक क्लिक पर देख जा सकेगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:46 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:46 AM (IST)
थाने का 10 साल पुराना तक कोई भी डाटा एक क्लिक पर मिलेगा, बिहार में चल रही विशेष तैयारी
बिहार पुलिस को डिजिटल करने की मुहिम। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Crime: बिहार के पुलिस थानों को क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) से जोडऩे के साथ अब पुराने पुलिस रिकार्ड का भी डिजिटाइजेशन कराया जाएगा। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, राज्य के 42 पुलिस जिलों के पिछले 10 साल के पुलिस रिकार्ड के डिजिटाइजेशन का काम तेजी से जारी है। पुलिस रिकार्ड की डिजिटल कापी तैयार हो जाने के बाद उसे कहीं से भी एक क्लिक पर देख जा सकेगा। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों के लिए मानीटरिंग भी आसान होगी। बिहार में पुलिस को डिजिटल करने की कवायद तेजी से चल रही है। इसका फायदा भी देखने को मिल रहा है।

बिहार में हैं कुल 1096 पुलिस थाने

पुलिस मुख्यालय के अनुसार, राज्य में कुल 1096 थाने हैं। इसमें से प्रथम चरण में 894 थानों को सीसीटीएनएस नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। बाकी बचे 202 थानों को भी दूसरे चरण में इसी साल दिसंबर तक सीसीटीएनएस नेटवर्क से जोडऩे का लक्ष्य है। अभी राज्य के दो हजार सिपाहियों को प्रशिक्षित कर उनसे थानों में सीसीटीएनएस का काम कराया जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में महिला सिपाही शामिल हैं।

दस साल के पुलिस रिकार्ड का होगा डिजिटाइजेशन दो हजार सिपाहियों को मिला प्रशिक्षण थानों में संभाल रहे सीसीटीएनएस की कमान 894 थानों को सीसीटीएनएस से जोडऩे का काम पूरा 202 शेष थाने भी दिसंबर तक जुड़ जाएंगे नेटवर्क से

डिजिटल मोड में कोर्ट जा रही केस डायरी

राज्य के थानों के सीसीटीएनएस नेटवर्क से जुड़ने से प्राथमिकी समेत कई जानकारियां आनलाइन आ गई हैं। किसी भी जिले के थाने में दर्ज प्राथमिकी व गिरफ्तार व्यक्तियों की जानकारी आनलाइन ही उपलब्ध है। इसके अलावा थाने और कोर्ट के बीच दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी आसान हुआ है। कोर्ट के साथ एकीकरण (इंटीग्रेशन) का काम पूरा होने के कारण प्राथमिकी, केस डायरी और चार्जशीट आदि सीधे डिजिटल मोड से न्यायालय भेजे जा रहे हैं।

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