आयुर्वेद स्नातकों को भी मिली सर्जरी की अनुमति, एलोपैथ वाले बोले- वे इसके अयाेग्‍य, हम करेंगे विरोध

Bihar Health News आयुर्वेदिक डॉक्‍टरों को सर्जरी की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का बिहार में एलोपैथ डॉक्‍टर विरोध करते हुए हड़ताल पर जा रहे हैं। उनके अनुसार सर्जरी के लिए जो व्‍यवस्‍था व प्रशिक्षण चाहिए वह आयुर्वेदिक डॉक्‍टर के पास नहीं है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 05:49 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 11:00 PM (IST)
आयुर्वेद स्नातकों को भी मिली सर्जरी की अनुमति, एलोपैथ वाले बोले- वे इसके अयाेग्‍य, हम करेंगे विरोध
मरीज का इलाज करने जाती लेडी डॉक्‍टर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Doctor's Strike भारत सरकार द्वारा आयुर्वेद स्नातकों को सर्जरी की अनुमति देने का बिहार में एलोपैथ डॉक्‍टर विरोध पर उतर गए हैं। बिहार में एलोपैथिक डॉक्‍टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुर्वेदिक डाक्‍टरों को सर्जरी के अयोग्‍य बताते हुए केंद्र के फैसले के खिलाफ आंदोलन का एलान कर दिया है। चरणबद्ध आंदोलन का पहला दौर आठ दिसंबर से शुरू होगा। दूसरे चरण में 12 दिसंबर को राज्य के डॉक्टर 12 घंटे 'असहयोग आंदोलन' चलाएंगे और मरीजो का इलाज भी नहीं करेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से संबद्ध डॉक्टरों के आंदोलन के दूसरे मेडिकल एसोसिएशन के भी समर्थन मिल रहा है।

आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति का विरोध

बिहार के डॉक्टर असल मे सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं जिसके तहत आयुर्वेदिक डॉक्टरों को भी सर्जरी की अनुमति दी गई है। केंद्र सरकार ने इसी महीने यह निर्णय लिया है कि आयुर्वेद की डिग्री प्राप्त डॉक्टर भी जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के साथ ही आंख, नाक और गले की सर्जरी भी कर सकेंगे।

कहा- अप्रशिक्षित डॉक्‍टर का सर्जरी करना उचित नहीं

केंद्र का फैसला आने के बाद आइएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह तथा सचिव डॉ. सुनील कुमार ने इसका विरोध किया है। डॉ. सुनील कुमार ने कहा है कि अप्रशिक्षित आयुर्वेद डॉक्टरों  को सर्जरी की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बगैर प्रशिक्षण व समुचित संसाधन के आयुर्वेद स्नातकों को सर्जरी की अनुमति देना गलत है।

बिहार में अब आंदोलन की राह पर एलोपैथ डॉक्‍टर

डॉक्टरों ने मसले पर केंद्र या राज्य सरकार के स्तर पर कोई समाधान नहीं होते देख अब एलोपैथ डॉक्‍टर आंदोलन की राह पर हैं। आइएमए के सचिव डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि आंदोलन का फैसला हो चुका है। आठ दिसंबर को राज्यभर के सरकारी व गैर सरकारी डॉक्टर एप्रेन पहन स्टेथोस्कोप लटकाकर मार्च करेंगे। यदि इसके बाद भी फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो राज्य के डॉक्टर 12 दिसंबर को 12 घंटे काम ठप करेंगे। सुनील कुमार ने कहा आगे का निर्णय सरकार को करना है।

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