बिहार में शराब माफिया करते रहे हैं पुलिस पर हमला, गोली मारने से ले खंभे से बांध हो चुकी है पिटाई
राजधानी पटना व आसपास भी शराब माफिया का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। पुलिस अथवा उत्पाद विभाग की टीम जब उन्हें पकड़ने जाती है तो पुलिस टीम पर हमला किया जाता है। जानें कब-कब किया गया शराब माफियाओं द्वारा हमला।
जागरण संवाददाता, पटना : सीतामढ़ी में बुधवार को छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम पर शराब तस्करों के हमले में मेजरगंज थाने के एएसआइ दिनेश राम शहीद हो गए। एक चौकीदार लालबाबू पासान भी जख्मी हुए हैं।सूबे के अन्य जिलों के अलावा राजधानी पटना व आसपास भी शराब माफिया का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। पुलिस अथवा उत्पाद विभाग की टीम जब उन्हें पकड़ने जाती है तो पुलिस टीम पर हमला किया जाता है। शहर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र जक्कनपुर में तो शराब तस्करों ने बकायदा छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम को तीन घंटे तक बंधक बनाकर उनकी जमकर पिटाई कर दी थी। इतना ही नहीं शराब तस्करों ने एएसआइ के पैर में गोली भी मार दी थी।
खंभे से बांधकर एएसआइ को पीटा था
5 सितंबर 2020 को जक्कनपुर थाना क्षेत्र के मीठापुर बी एरिया के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस से शराब की बड़ी खेप उतारने की सूचना पर एएसआइ आशुतोष कुमार अपने चार सिपाहियों के साथ छापेमारी करने पहुंचे थे। शराब तस्कर सुबोध पासवान को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। इसी बीच, सुबोध को छुड़ाने के लिए उसके परिजनों व गुर्गों ने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया था। पुलिस वालों की जमकर पिटाई की गई थी। एएसआइ को गोली भी मारी गई थी। इतना ही नहीं, घायल एएसआइ को खंभे में बांध कर काफी देर तक लाठी-डंडे से पीटा गया था।
पुलिस को कुचलने का हो चुका प्रयास
25 दिसंबर 2018 को गर्दनीबाग पुलिस ने शराब से लदी टाटा सफारी को जब रोकने का प्रयास किया था तो इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिस वालों को कुचलने की कोशिश की थी। बाद में पुलिस टीम द्वारा फायरिंग कर टायर में गोली मार भारी मात्रा में शराब बरामद किया गया था। इसी तरह 13 अगस्त 2019 को खिड़ीमोड़ थाना पुलिस की टीम कौड़ी गांव के मुसहरी में शराब माफिया के घर छापेमारी करने पहुंची थी। माफिया व उसके गुर्गों ने पुलिस पर हमला कर दिया था, जिसमें थानाध्यक्ष धनंजय कुमार के साथ ही चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे।
जवानों पर कर दी थी फायरिंग
बाढ़ के शहरी हाल्ट के पास 29 मार्च 2019 को लालकिला एक्सप्रेस से शराब की बड़ी खेप उतारा जा रहा था। उन्हें दबोचने की कोशिश की गई तो शराब माफियाओं द्वारा पुलिस की टीम पर फायरिंग की गई थी। दोनों ओर से घंटों फायरिंग होती रही थी। इसके छह माह पहले भी दानापुर एक्सप्रेस से शराब की बड़ी खेप उतारने की सूचना पर पहुंची पुलिस की टीम पर शराब माफिया द्वारा जबरदस्त फायरिंग की गई थी। पुलिस शराब तो जब्त की थी, पर अपराधी भागने में सफल रहे थे। पिछले माह बाढ़ स्टेशन पर ही शराब माफिया को गिरफ्तार करने पहुंचे रेल पुलिस अवर निरीक्षक बिपिन कुमार सिंह को माफिया व उसके गुर्गों ने गोली मार जख्मी कर दिया था।