पश्चिम बंगाल के बाद दूसरे राज्य भी अपनाएंगे बिहार की ये स्कीम, चार लाख रुपये तक देती है सरकार
बिहार सरकार की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में दूसरे कई राज्यों ने भी दिलचस्पी दिखाई है। बंगाल ने तो हाल में ही इस योजना को लागू भी कर दिया है। वहां की सरकार ने अध्ययन के लिए 10 लाख रुपये तक का सॉफ्ट लोन देने का प्रविधान किया है।
दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार सरकार की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में दूसरे कई राज्यों ने भी दिलचस्पी दिखाई है। बंगाल ने तो हाल में ही इस योजना को लागू भी कर दिया है। वहां की सरकार ने इसकी मदद से उच्च अध्ययन के लिए 10 लाख रुपये तक का सॉफ्ट लोन देने का प्रविधान किया है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका वादा किया था। अब झारखंड, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, असम और राजस्थान जैसे राज्य भी योजना की जानकारी ले रहे हैैं। ये राज्य इस योजना के बारे में न सिर्फ अफसरों की टीम भेजकर जानकारी ले चुके हैं बल्कि इसके ब्लू-प्रिंट भी मंगवा चुके हैं। बिहार ने इस योजना को दो अक्टूबर 2016 में लागू किया था। तब से अभी तक करीब डेढ़ लाख युवाओं ने इसका फायदा उठाया है। इसके तहत गरीब और आॢथक रूप से कमजोर हर वर्ग के इंटर पास युवाओं को चार लाख रुपये का आर्थिक सहयोग दिया जाता है। अभी तक लगभग 3400 करोड़ रुपये शिक्षा ऋण के रूप में दिए जा चुके हैं।
शिक्षा ऋण में 3853 करोड़ रुपये की मंजूरी
पिछले पांच साल में बिहार सरकार ने शिक्षा ऋण के रूप में 3853 करोड़ 82 लाख रुपये की स्वीकृति दे चुकी है। सरकार द्वारा एक लाख 26 हजार 91 युवाओं को ऋण भुगतान किया गया है और 18 हजार 236 युवाओं को ऋण भुगतान प्रक्रियाधीन है। इस प्रकार कुल एक लाख 44 हजार 327 युवाओं को ऋण का लाभ मिला है। वैसे अब तक एक लाख 65 हजार 96 आवेदनों की मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें इस साल एक अप्रैल से 20 जुलाई तक प्राप्त 10,107 आवेदन शामिल हैं। इनमें से 8,915 आवेदनों की स्वीकृति दी जा चुकी है। शिक्षा ऋण पाने वालों में ऐसे युवा भी हैं जिनके अभिभावक दर्जी, नाई, राजमिस्त्री, आटो रिक्शाचालक, बस-ट्रक ड्राइवर हैं।
तकनीकी शिक्षा में सर्वाधिक 63 फीसद युवाओं ने लिया ऋण
इस योजना के नोडल अफसर अरविंद सिन्हा ने बताया कि 42 पाठ्यक्रमों में चार लाख रुपये तक शिक्षा ऋण देने का प्रविधान है, जिस पर चार फीसद ब्याज दर तय की गई है। इस योजना में सर्वाधिक 63 फीसद युवाओं ने तकनीकी शिक्षा के लिए ऋण लिया है। वोकेशनल कोर्स के लिए 13 फीसद तथा सामान्य पाठ्यक्रम के लिए 24 फीसद विद्यार्थियों ने ऋण का फायदा उठाया है। योजना का फायदा उठाने में ग्रामीण इलाके के युवा सबसे आगे हैं और 91.99 फीसद युवाओं ने ऋण लिया है, जबकि शहरी इलाके के 8.01 फीसद युवाओं ने इसका फायदा उठाया है।