मंत्री की नाराजगी के बाद भूमि सर्वेक्षण में इस महीने से काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश लागू

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत राय की नाराजगी के बाद निदेशक जय कुमार न आदेश जारी किया। 31 जनवरी तक 25 प्रतिशत लक्ष्य हासिल नहीं करनेवालों का जनवरी का वेतन नहीं मिलेगा। ऐसे सुस्‍त कर्मचारियों की सेवा भी समाप्‍त की जा सकती है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:44 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:44 PM (IST)
मंत्री की नाराजगी के बाद भूमि सर्वेक्षण में इस महीने से काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश लागू
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत राय की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । बार-बार की चेतावनी के बाद भी समय पर लक्ष्य हासिल न होने से नाराज राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विशेष भूमि सर्वेक्षण में इस महीने से काम नहीं तो वेतन नहीं का फार्मूला लागू करने का फैसला किया है। अगला कदम सुस्त कर्मियों की सेवा समाप्ति होगी। भू अभिलेख एवं परिमाप के निदेशक जय सिंह ने सर्वेक्षण वाले जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों से कहा है कि वे इस आदेश को जनवरी महीने से ही लागू कर दें।

मंत्री की नाराजगी के बाद कड़ा फैसला

तीन दिन पहले गया में हुई विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में भूमि सर्वेक्षण की गति पर मंत्री राम सूरत राय ने नाराजगी जाहिर की थी। इसी के बाद विभाग ने कड़ा फैसला किया है। जिन जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को पत्र दिया गया है, वे हैं- बेगूसराय, खगडिय़ा, लखीसराय, जहानाबाद, अरवल, शिवहर, किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सीतामढ़ी, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण, बांका, जमुई, शेखपुरा, मुंगेर एवं नालंदा। पहले चरण का भूमि सर्वेक्षण इन्हीं जिलों में हो रहा है।

लक्ष्‍य हासिल करने को 31 जनवरी तक का समय

पत्र में कहा गया है कि भू सर्वेक्षण में चयनित मौजों का प्रपत्र 5 लेखन पिछले भूमि सर्वेक्षण के खतियान से किया जाना है। इसे विभाग के सॉफ्टवेयर में अपलोड करना है। इसके अलावा रैयतों के दावे को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड करना है। निदेशक ने कहा कि इन दोनों कामों में अगर किसी कर्मी की उपलब्धि 25 प्रतिशत से कम है तो उन्हें जनवरी का वेतन नहीं मिलेगा। मूल्यांकन का महीना जनवरी तय किया गया है। लक्ष्य हासिल करने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है।

सेवा मुक्‍त भी किया जा सकता

पत्र में साफ कहा गया कि वेतन रोकने की कार्रवाई ही अंतिम नहीं होगी। ऐसे कर्मियों को सेवा से मुक्त करने तक की कार्रवाई हो सकती है। लक्ष्य हासिल न करने वाले कर्मियों की सूची पांच फरवरी तक मांगी गई है। सूची के साथ बंदोबस्त पदाधिकारी सेवा से हटाने की सिफारिश भी करेंगे।

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