बिहार में अभी हो जाए विधानसभा चुनाव तो यहां भी NDA की हो जाएगी बल्ले-बल्ले, जानिए

लोकसभा चुनाव में बिहार में भी एनडीए ने अपनी बड़ी जीत हासिल की है। इसे देखकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर आज विधानसभा का चुनाव हो जाए तो एनडीए को उसमें भी बड़ी जीत मिलेगी।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 09:11 AM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 10:52 PM (IST)
बिहार में अभी हो जाए विधानसभा चुनाव तो यहां भी NDA की हो जाएगी बल्ले-बल्ले, जानिए
बिहार में अभी हो जाए विधानसभा चुनाव तो यहां भी NDA की हो जाएगी बल्ले-बल्ले, जानिए

पटना [एसए शाद]। लोकसभा चुनाव में इस बार प्रदेश में राजद का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। चुनाव के नतीजे की विधानसभावार समीक्षा संकेत देती है अगर अभी तुरंत विधानसभा चुनाव भी हो जाएं तो पार्टी दो अंकों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। प्रदेश में विधायकों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी रहने के बावजूद इस लोकसभा चुनाव में राजद केवल आठ विधानसभा सीट पर आगे रहा। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में इसके 80 विधायक जीते थे।
राजद का जिन आठ विधानसभा सीटों पर बेहतर प्रदर्शन रहा वह अररिया, पाटलिपुत्र और जहानाबाद लोकसभा सीटों में स्थित हैं। अररिया में राजद के प्रत्याशी सरफराज आलम ने अररिया में 30 हजार वोट और जोकीहाट में करीब 50 हजार वोट की बढ़त हासिल की। परन्तु इसके बावजूद वह काफी अंतर से भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह से हार गए क्योंकि शेष चार विधानसभा सीटों पर उन्हें अपेक्षा के मुताबिक वोट नहीं मिले।
वहीं पाटलिपुत्रा में राजद प्रत्याशी मीसा भारती तीन विधानसभा क्षेत्रों में आगे रहीं। अहम बात यह है कि इनकी बढ़त वाली विधानसभा सीटों में मनेर भी शामिल थी जिसपर उन्होंने करीब आठ हजार मतों की बढ़त हासिल की।
मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र की पाटलिपुत्रा लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की प्रबल इच्छा थी। इसके अलावा मीसा भारती को मसौढ़ी और पालिगंज में भाजपा के रामकृपाल यादव से क्रमश: दस हजार और तीन हजार अधिक वोट आए। मगर तीन विधानसभा सीटों की यह बढ़त उनके काम नहीं आई।जबकि जहानाबाद में राजद उम्मीदवार सुरेंद्र यादव जहानाबाद, घोसी और मखदूमपुर में बढ़त बनाने के बावजूद जीत नहीं पाए। 

कांग्रेस ने पांच विधानसभा सीटों पर बढ़त दर्ज की जबकि इसके 27 विधायक हैं। किशनगंज में तीन विधानसभा सीटों पर बढ़त दर्ज कर कांग्रेस यह सीट जीतने में कामयाब हो पाई। प्रदेश की 40 सीटों में से महागठबंधन केवल यही सीट जदयू को हराकर जीत पाने में कामयाब हुई।
मगर किशनगंज में असदुद्दीन आवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लमीन(एआइएमआइएम) ने दो विधानसभा सीटों पर बेहतर प्रदर्शन कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी।
उनकी पार्टी यहां तीसरे नंबर पर रही और उसके प्रत्याशी अख्तरुल ईमान को 2,95,029 वोट आए। इसने बहादुरगंज में करीब 23 हजार और कोचाधामन विधानसभा सीट पर करीब 30 हजार वोट की बढ़त बनाई। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा औरंगाबाद में दो विधानसभा सीटों- रफीगंज और गुरुआ, में आगे रही। रालोसपा काराकाट में एक और भाकपा(माले) आरा में एक विधानसभा सीट पर बढ़त बना सकी।
दूसरी ओर एनडीए में पिछले विधानसभा चुनाव में 52 सीट जीतने वाली भाजपा ने बहुत बेहतर प्रदर्शन किया और सबसे अधिक 97 सीटों पर आगे रही, जबकि 70 विधायकों वाले जदयू ने 92 सीटों पर बढ़त बनाई। लोजपा ने 36 विधानसभा सीटों पर आगे रहकर लोकसभा चुनाव में छह सीटें हासिल कीं। 

विधानसभावार स्थिति
भाजपा --- 96
जदयू   --- 92
राजद   --- 08
कांग्रेस  --- 05
हम      --- 02
रालोसपा --- 01
भाकपा (माले)--- 01

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