राजधानी के सरकारी एवं निजी स्कूलों में एडमिशन ठप, कोरोना संक्रमण के कारण अभिभावक व बच्चे नहीं आ रहे स्कूल

पटना के सरकारी एवं निजी स्कूलों में वर्तमान में एडमिशन ठप हो गया है। स्कूल खुले हैं लेकिन अभिभावक नामांकन लेने नहीं आ रहे हैं। स्कूलों के परिसर भी खाली हैं। राजधानी समेत राज्य अधिकांश स्कूलों में अब तक मात्र 50 फीसद सीटों पर ही नामांकन हो पाया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 01:48 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 01:48 PM (IST)
राजधानी के सरकारी एवं निजी स्कूलों में एडमिशन ठप, कोरोना संक्रमण के कारण अभिभावक व बच्चे नहीं आ रहे स्कूल
पटना के स्‍कूलों में नामांकन पर पड़ा असर। फाइल फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। पटना के सरकारी एवं निजी स्कूलों में वर्तमान में एडमिशन ठप हो गया है। स्कूल खुले हैं, लेकिन अभिभावक नामांकन लेने नहीं आ रहे हैं। स्कूलों के परिसर भी खाली हैं। राजधानी समेत राज्य अधिकांश स्कूलों में अब तक मात्र 50 फीसद सीटों पर ही नामांकन हो पाया है। स्कूल अभी भी अभिभावकों की बाट जोह रहे हैं। एसोसिएशन आफ पब्लिक स्कूल्स के अध्यक्ष डॉ .सीबी सिंह का कहना है कि स्कूलों में अभी नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी, तभी कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैलना लगा। सरकार को स्कूल बंद करने का निर्णय लेना पड़ा। इसका सीधा प्रभाव राजधानी के स्कूलों के नामांकन पर पड़ा है। राजधानी के अधिकांश स्कूलों में नामांकन ठप पड़ गया है।

अभी तक 50 फीसद सीटों पर ही हो पाया है नामांकन नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ होते ही तेजी से फैलने लगा कोरोना

एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष एके नाग ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण स्कूलों में नामांकन नहीं हो पा रहा है। अब तक स्कूलों में मात्र 50 फीसद सीटों पर ही नामांकन हो पाया है। जिन बच्चों का नामांकन हुआ है, उनका ऑनलाइन क्लास भी शुरू हो गया है। लेकिन आर्थिक दृष्टि से स्कूलों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। 55 हजार छात्रों का हाईस्कूलों में नामांकन होने की उम्मीद थी, अब तक 35 हजार 2 लाख नामांकन होने का लक्ष्य रखा गया था प्राइमरी स्कूलों में, अब तक 1 लाख 48 हजार 10 से 20 मार्च तक विशेष अभियान चलाया गया था सरकार की ओर से

वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि अप्रैल में सरकारी स्कूलों में नामांकन होने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना का प्रभाव देखा जा रहा है। राजधानी के हाईस्कूलों में इस वर्ष 55 हजार छात्रों को नामांकन होने की उम्मीद थी, लेकिन अब तक 35 हजार विद्यार्थी ही नामांकन ले पाए हैं। वहीं, प्राइमरी स्कूलों में 2 लाख नामांकन होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक 1 लाख, 48 हजार छात्रों का भी नामांकन हुआ था। नामांकन के लिए सरकार की ओर से 10 से 20 मार्च तक विशेष अभियान चलाया गया था।

घोषणा पत्र पर होगा नामांकन

सरकार ने सभी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि प्रवासी बच्चों का नामांकन बिना टीसी का भी होगा। इसके लिए अभिभावकों को केवल घोषणा पत्र देना होगा। घोषणा पत्र के आधार पर ही प्राचार्य बच्चों का नामांकन लेंगे। घोषणा पत्र में बच्चों की जन्म तिथि एवं क्लास का जिक्र होगा।

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