अफसरों के खिलाफ कार्रवाई में अब नहीं लगेगा ज्यादा समय, बिहार सरकार ने बनाई ये योजना
सरकारी अफसरों पर शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को लेकर अद्यतन स्थिति क्या है सरकार इसकी खोज- खबर लेगी। जिन मामलों में अफसर पर कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी उसकी जांच प्रक्रिया अब लंबी नहीं चलेगी। ऐसे मामलों को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, पटना: सरकारी अफसरों पर शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को लेकर अद्यतन स्थिति क्या है, सरकार इसकी खोज- खबर लेगी। जिन मामलों में अफसर पर कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी, उसकी जांच प्रक्रिया अब लंबी नहीं चलेगी। ऐसे मामलों को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने लोकायुक्त के एक निर्देश के बाद इस संबंध में कवायद शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
समय सीमा के अंदर निपटारा होना चाहिए
पिछले महीने ही लोकायुक्त ने सेवांत लाभ भुगतान के एक मामले में एक अंचालाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस दौरान निगरानी विभाग को निर्देश दिया गया कि जिन अफसरों पर विभागीय कार्रवाई लंबित है वैसे मामलों की समीक्षा कर संबंधित लोक सेवक के मामले का एक समय सीमा के अंदर निपटारा किया जाना चाहिए।
लंबित विभागीय कार्रवाई के निपटारे की समीक्षा करें
लोकायुक्त के निर्देश के बाद निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी विभाागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा है। जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि सभी विभागों एवं जिलों में लंबित विभागीय कार्रवाई के निपटारे की समीक्षा करें, ताकि आवश्यक होने पर वैसे मामलों को मुख्य सचिव के समक्ष लाया जा सके।
अफसर पर की गई कार्रवाई का मांगा ब्योरा
पत्र के साथ एक फार्मेट जारी किया गया है और अफसर पर की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया है। विभागों और जिलों को वैसे अफसर, जिनके खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ की गई है उनके नाम, विभागीय कार्रवाई शुरू होने की तिथि और वजह, कार्रवाई के बाद की अद्यतन स्थिति और विलंब का कारण बताना होगा। बता दें कि बिहार में अफसरों पर अब मंत्री भी नाराज होने लगे हैं। हाल ही में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने अफसरशाही से परेशान होकर सार्वजनिक तौर पर इस्तीफा देने की धमकी दे दी थी। हालांकि बाद में नीतीश कुमार से मिलकर उनका गुस्सा शांत हो गया था।