बिहार: गुरुजी का शातिर शिष्य से दिखा ऐसा गहरा प्यार, जानिए क्या-क्या किया

एक गुरूजी का शिष्य से ऐसा मोह कि उन्होंने उसका लिंग परिवर्तन कर सर्टिफिकेट जारी कर दिया। शिष्य एक शातिर अपराधी है। इसका खुलासा होने पर गुरूजी की कारस्तानी सामने आयी है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 10:10 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 12:59 PM (IST)
बिहार: गुरुजी का शातिर शिष्य से दिखा ऐसा गहरा प्यार, जानिए क्या-क्या किया
बिहार: गुरुजी का शातिर शिष्य से दिखा ऐसा गहरा प्यार, जानिए क्या-क्या किया

पूर्वी चंपारण [सुशील वर्मा]। एक गुरूजी का एक अपराधी शिष्य से बेइंहा प्रेम की कहानी सामने आई है। गुरूजी ने अपने शातिर शिष्य गोविंदा को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए छात्रा को पुरुष बनाकर प्रमाण पत्र भी दे दिया। इस खेल का खुलासा होने के बाद पता चला है कि इसमें कई लोग शामिल हैं, जिसमें से एक गुरूजी भी हैं।

पूर्वी चंपारण जिले के मध्य विद्यालय गोढ़वा के एक रजिस्टर में गुरुजी ने पहले एक छात्रा बिंदा कुमारी का नाम दर्ज किया था। लेकिन, जब शातिर शिष्य गोविंदा को नाबालिग बनाकर बचाने की नौबत आई तो उन्होंने अपनी कलम का बेजा इस्तेमाल किया। उन्होंने बिंदा कुमारी का नाम काटकर गोविंदा कुमार बना दिया और उसी रॉल नंबर पर गोविंदा के लिए प्रमाण पत्र जारी दिया।

इतना ही नहीं जिस छात्रा का नाम बिंदा कुमारी है उसके पिता का नाम रजिस्टर में जगदीश साह दर्ज था। इसे जगदीश सहनी बना दिया। गुरुजी ने यह खेल किस लालच व दबाव में किया, यह तो पता नहीं चला है।  लेकिन, जांच करने गई पुलिस ने रजिस्टर, स्कूल की मुहर जब्त कर ली है। अब गुरुजी की तलाश जारी है।

गुरूजी का नाम चंद्रभूषण बताया जा रहा है। वह मोतिहारी शहर के चरखा के पास रहते हैं। पुलिस उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है। एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा की बातों पर यकीन करें तो गुरुजी को जल्द गिरफ्तार भी किया जाएगा और उनकी नौकरी पर खतरा आ सकता है। 

एसपी ने कहा कि जांच के बाद स्पष्ट हो गया है कि गोढवा मध्य विद्यालय द्वारा जारी आठवीं पास के प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 29 जनवरी 2003 अंकित है। इस तरह गोविंदा की उम्र लगभग 16 वर्ष हो रही है। जबकि गोपाल साह उच्च विद्यालय द्वारा जारी मैट्रिक के परित्याग प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 31 मार्च 1997 अंकित है। इससे उसकी उम्र लगभग 22 वर्ष हो रही है।

उस शातिर अपराधी के नाम से साथ ही उसकी उम्र को कम करने में स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर भी खेल हुआ। उसे नाबालिग बताने वाले प्रमाण पत्र पर चार डॉक्टर के अलावा पूर्व के सिविल सर्जन के भी हस्ताक्षर हैं। इस मामले में डीएम भी जांच के आदेश दे चुके हैं।  

पहले खुद को बताया निरक्षर, दबाव पड़ा तो किया हस्ताक्षर

पुलिस की गिरफ्त में गोविंदा खुद को निरक्षर बताता रहा। कई जगहों पर अगूंठा का छाप देता रहा। जब पुलिस को उसका प्रमाण पत्र मिला तो दबाव में हस्ताक्षर किया। जो गोपाल साह उच्च विद्यालय में उसके द्वारा किए गए हस्ताक्षर से काफी मिलता-जुलता रहा। मामले की जांच कर रहे नगर थाने के पुलिस निरीक्षक अभय कुमार को एसपी ने रिपोर्ट देने को कहा है।  

ये है पूरा मामला

शातिर गोविंदा 20 नवंबर को गृहरक्षकों को हथियार का भय दिखाकर साथियों के साथ फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही थी। इसी बीच तीन दिसंबर को वह हथियार के साथ कारा में बंद शातिर बदमाश टुन्ना सिंह की हत्या के लिए कोर्ट में आया। जहां उसके हथियार से गोली चली और वह बुरी तरह जख्मी हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में उसका इलाज चल रहा है।

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