समय से प‍हले रिजल्‍ट देकर बनाई अलग पहचान, अब ये जानकर खुश हो जाएगा बिहार बोर्ड के छात्रों का मन

बिहार बोर्ड ने समय पर परीक्षा लेकर एवं रिजल्ट देकर देश में अपनी पहचान बनाई है। बेहतर रिजल्ट अब दिखाई पड़ने लगा है। इस वर्ष बिहार बोर्ड से मान्यता प्राप्त विभिन्न इंटर स्कूल- कालेजों में देश के 25 बोर्ड के एक लाख 18 हजार 597 छात्र-छात्राओं ने नामांकन कराया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:06 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:06 AM (IST)
समय से प‍हले रिजल्‍ट देकर बनाई अलग पहचान, अब ये जानकर खुश हो जाएगा बिहार बोर्ड के छात्रों का मन
देशभर में बनी बिहार बोर्ड की पहचान। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) ने समय पर परीक्षा एवं रिजल्ट देकर देश में अपनी पहचान बनाई है। बेहतर रिजल्ट अब दिखाई पड़ने लगा है। इस वर्ष बिहार बोर्ड से मान्यता प्राप्त विभिन्न इंटर स्कूल- कालेजों में देश के 25 बोर्ड के एक लाख, 18 हजार, 597 छात्र-छात्राओं ने नामांकन कराया है। वहीं पिछले वर्ष बिहार बोर्ड से मान्यता प्राप्त इंटर स्तरीय स्कूल-कालेजों में एक लाख, दो हजार, 288 छात्र-छात्राओं ने नामांकन लिया था। इस वर्ष इंटर में नामांकन लेने के लिए आनलाइन व्यवस्था की गई थी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 16 हजार से अधिक छात्रों ने इंटर में नामांकन लिया है। 

बेहतर रिजल्ट से बोर्ड के प्रति आकर्षण 

बिहार बोर्ड की कार्यप्रणाली में बदलाव के बाद समय पर परीक्षा बेहतर रिजल्ट छात्र-छात्राओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। बोर्ड द्वारा 50 फीसद वस्तुनिष्ठ सवाल पूछे जाने के पैटर्न की छात्र काफी सराहना कर रहे हैं। इससे अंकों का प्रतिशत बेहतर होता है। 

तीन वर्षों से सबसे पहले दे रहा रिजल्ट

बिहार बोर्ड ने वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में देश में सबसे पहले रिजल्ट जारी कर रिकार्ड बनाया है। बोर्ड ने 2019 के मार्च में इंटर का रिजल्ट जारी किया तो देशभर की नजर बिहार बोर्ड पर गई। उसके बाद के वर्षों में भी बोर्ड ने देश के सभी बोर्ड से पहले रिजल्ट जारी किया। बोर्ड ने मई में ही परीक्षा चक्र पूरा कर लिया। कोरोना त्रासदी के बावजूद बोर्ड ने समय पर परीक्षा लेकर उसका रिजल्‍ट भी जारी कर दिया। बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व तक बिहार के छात्र भी सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड को प्राथमिकता देते थे। लेकिन बिहार बोर्ड में आए आमूलचूल बदलाव के बाद अब बिहार की कौन कहे, देश के अधिकांश राज्‍यों के छात्र-छात्रा इसे प्राथमिकता दे रहे हैं। यह बिहार की शिक्षा व्‍यवस्‍था के लिए भी एक सुखद संदेश है। 

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