Bihar Chunav 1st Phase Voting: कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर 93 FIR दर्ज, मतदान शांतिपूर्ण

Bihar Chunav 1st Phase Polling बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान कुल 337 मामलों में एफआइआर दर्ज की गई। इनमें कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन के 93 मामले शामिल हैं। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा।

By Edited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 02:22 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:33 AM (IST)
Bihar Chunav 1st Phase Voting: कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर 93 FIR दर्ज, मतदान शांतिपूर्ण
बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान एक बूथ पर कोरोना संक्रमण की जांच।

पटना, जेएनएन। Bihar Chunav 1st. Phase Voting: राज्‍य की 71 सीटों पर प्रथम चरण के मतदान के दौरान कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन के मामलों में 93 एफआइआर दर्ज कराई गई। सभी मामलों को मिला कर 337 एफआइआर दर्ज की गई। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो मतदान शांतिपूर्ण रहा। मतदान के दौरान 601 शस्त्र जब्त किए गए तो 2020 पर सीसीए की कार्रवाई की गई। पड़ोसी राज्‍यों झारखंड और उत्तर प्रदेश सीमाओं पर भी पेट्रोलिंग की जाती रही। इसकी जानकारी मतदान के बाद बिहार के एडीजी (मुख्‍यालय) जितेंद्र कुमार ने दी।

601 शस्त्र जब्त, 2020 पर सीसीए की कार्रवाई

एडीजी (मुख्‍यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि दर्ज एफआइअर में सोशल मीडिया पर अमर्यादित पोस्ट करने के संबंध में तीन, मद्यनिषेध अधिनियम के अंर्तगत तीन, धरना-प्रदर्शन, पुतला दहन व सड़क जाम के संबंध में दो, बिना अनुमति के चुनावी सभा करने के संबंध में 39, लाउडस्पीकर एक्ट के तहत 16, बिहार संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत 122 तथा अन्य भिन्न अधिनियमों के तहत 59 मामले हैं। इस दौरान 601 शस्त्र जब्त व 1347 के लाइसेंस रद किए गए। 2020 लोगों पर सीसीए के तहत कार्रवाई की गई।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 2856 भवनों में थे बूथ

उन्‍होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण कि 71 सीटों के लिए 16 हजार 730 भवनों में बूथ बनाए गए थे। इनमें से 2856 भवन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थे। मतदान के लिए इन भवनों में 31 हजार 371 बूथ बनाए गए थे।

झारखंड और उत्तर प्रदेश सीमा पर भी पेट्रोलिंग

बताया कि प्रथम चरण वाले क्षेत्रो में शांतिपूर्ण मतदान के लिए 24 घंटे 606 चेकपोस्ट के माध्यम से नजर रखी गई। प्रथम चरण के अधिसंख्य जिले झारखंड और उत्तर प्रदेश से सटे हैं। इस कारण पड़ोसी राज्यों में भी सीमाओं पर पेट्रोलिंग होती रही। एडीजी मुख्यालय ने बताया कि पड़ोसी राज्यों में तीन दर्जन से अधिक नाका लगाए गए थे। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा था। पड़ोसी राज्यों की पुलिस से समन्वय बनाकर सीमाओं पर दोनों ओर से पेट्रोलिंग होती रही।

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