नालंदा में 84 वर्षीय वृद्ध को सात वर्ष की मासूम से छेड़खानी में पांच वर्ष की कैद और जुर्माना की सजा
नालंदा में 84 वर्षीय वृद्ध पर सात वर्षीया बच्ची संग छेडख़ानी के मामले में पॉक्सो एक्ट लगाया गया था । आठ अगस्त 2015 की घटना में पांच वर्ष बाद फैसला आया। ट्रायल के दौरान छह गवाहों का परीक्षण किया गया।
बिहारशरीफ, जागरण संवाददाता । जिला न्यायालय के एडीजे-6 सह पॉक्सो न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने सात वर्षीया बच्ची से छेडख़ानी के आरोपित 84 वर्षीय वृद्ध उमाकांत त्रिपाठी को पॉक्सो अधिनियम के तहत पांच वर्ष कारावास की सजा और दस हजार रुपए बतौर जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मां ने एफआइआर दर्ज कराई थी
पॉक्सो मामले के विशेष लोक अभियोजक जगत नारायण सिन्हा ने मुकदमे के ट्रायल के दौरान बहस एवं छह गवाहों का परीक्षण किया था। उन्होंने बताया कि सरमेरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी आरोपित आठ अगस्त 2015 की शाम को बच्ची को खेलने के दौरान उठा ले गया और गलत नीयत से उसके कपड़े उतारने लगा। बच्ची चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर उसके चाचा ने जाकर देखा तो आरोपित भाग गया। पीडि़त बच्ची ने घटना की बाबत बयान कोर्ट में दिया था। बच्ची की मां ने महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
बदलाव की जरूरत
बिहार के नालंदा जिले की यह खबर समाज में बच्चियों की सुरक्षा और पुरुषों की मानसिकता के बारे में कई सवाल खड़े करती है। 84 वर्षीय वृद्ध की एक मासूम के प्रति ऐसी कुत्सित मानसिकता समाज को आईना दिखा रही है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। जाहिर है समाज में महिलाओं के प्रति नजरिए में बड़े बदलाव की जरूरत है।