बिहार के सात जिलों में मिले मलेरिया के 80 फीसद मामले, देख लें कहीं आपका इलाका भी तो मच्छरों की जद में नहीं

बरसात का मौसम आ गया है और ऐसे मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियां काफी बढ़ जाती हैं। बिहार सरकार के अनुसार राज्य के 7 जिलों में मलेरिया के मामले बहुत अधिक हैं। सरकार इन जिलों में विशेष अभियान चला रही है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:35 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:35 AM (IST)
बिहार के सात जिलों में मिले मलेरिया के 80 फीसद मामले, देख लें कहीं आपका इलाका भी तो मच्छरों की जद में नहीं
बिहार में काफी बढ़ गया है मच्छरों का प्रकोप। प्रतीकात्मक तस्वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Health Issues in Rainy season: बरसात के मौसम में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने रोकथाम को लेकर कमर कस ली है। स्वास्थय मंत्री मंगल पांडेय ने दावा किया है कि सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली की गई है। मलेरिया प्रभावित जिलों की पहचान लगातार तीन साल के केस लोड के मुताबिक की जाती है। इस लिहाज से राज्य के सात जिलों में मलेरिया के 80 फीसद मामले हैं, जिसमें गया, कैमूर, मुंगेर, औरंगाबाद, नवादा, रोहतास और जमुई शामिल हैं। इसको लेकर प्रभावित जिलों में युद्धस्तर पर मलेरिया की रोकथाम एवं प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

पांडेय ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विगत वर्ष जारी वल्र्ड मलेरिया रिपोर्ट के मुताबिक मलेरिया से सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में भारत ही एक देश है जहां वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में मलेरिया केसेस में 17.6 फीसद की कमी आई है। वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में एनुअल पारासाईटीक इंसीडेंस में भी 27.6 फीसद की कमी देखी गई है, वहीं बिहार में भी मलेरिया मामलों में कमी दर्ज हुई है। जून महीने को एंटी मलेरिया माह के रूप में भी मनाया गया है। इस दौरान प्रभावित एवं संभावित क्षेत्रों में डीडीटी का छिडकाव कराया गया है। मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जून से अक्टूबर माह तक ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर लगातार डीडीटी का छिडकाव भी कराया जा रहा है, मच्छरों के प्रकोप में कमी आ सके।

मंत्री ने कहा कि मलेरिया की बेहतर रोकथाम एवं इलाज के लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को जांच के लिए रोगी के ब्लड का नमूना एकत्रित कराने में सहयोग करने पर प्रति मरीज 15 रुपये एवं चिह्नित मरीजों को तीन दिन तक दवा सेवन सुनिश्चित कराने के लिए 75 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। इस तरह मलेरिया जांच में सहयोग एवं दवा सेवन सुनिश्चित कराने के लिए आशा को 90 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

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