पटना के अस्‍पताल में कचरे के बीच मिले 36 ऑक्‍सीजन सिलेंडर, डीएम बोले- फेंके नहीं, रखे गए थे

Bihar CoronaVirus News आफत में सांस बेकार पड़े थे 36 ऑक्सीजन सिलेंडर जिला स्वास्थ्य समिति के बाहर कूड़े के ढेर के साथ रखे थे 36 नए सिलेंडर सूचना पर जांच को पहुंचे डीएम अधिकारियों ने कहा रिफिलिंग के लिए आए हैं

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 12:11 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 12:11 PM (IST)
पटना के अस्‍पताल में कचरे के बीच मिले 36 ऑक्‍सीजन सिलेंडर, डीएम बोले- फेंके नहीं, रखे गए थे
पटना के गर्दनीबाग अस्‍पताल में ऐसे पड़े थे ऑक्‍सीजन सिलेंडर। जागरण

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar CoronaVirus News: कोरोना महामारी के कारण एक ओर संक्रमित ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं वहीं सिविल सर्जन कार्यालय से सटे जिला स्वास्थ्य समिति के बाहर 36 नए ऑक्सीजन सिलेंडर कूड़े के ढेर में रखे मिले। रविवार को इसकी सूचना मिलते ही जिलाधिकारी जांच को मौके पर पहुंचे और इसकी बाबत जानकारी  ली। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गत दो दिन में विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से ये खाली सिलेंडर मंगाए गए हैं और इन्हें रिफिलिंग के लिए गैस एजेंसी भेजा जाना है। वहां से इन्हें कोविड डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर भेजा जाएगा।

40 हजार रुपये में सिलेंडर खरीदने को मजबूर हैं लोग

बताते चलें कि कोरोना संक्रमितों के स्वजन ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं। अस्पताल रोगियों को ऑक्सीजन की कमी का हवाला देते हुए मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने को कह रहे हैं। वहीं होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के स्वजन 30 से 40 हजार में भी  ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने को विवश हैं। ऐसे में गर्दनीबाग में सिविल सर्जन कार्यालय से सटे जिला स्वास्थ्य समिति भवन के सामने खुले में कूड़े के बीच 36 नए ऑक्सीजन सिलेंडर बिना इस्तेमाल के रखे  हुए थे।

डीएम बोले- ऑक्‍सीजन की नहीं है कमी

यह मामला सामने आते  ही खुद  जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की। आननफानन में सिलेंडरों को वहां से हटा दिया गया।  डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और सिलेंडर वहां फेंके नहीं गए थे, बल्कि जगह की कमी के कारण रखे गए थे।

सिविल सर्जन का बयान भी जान लीजिए

पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने कहा कि डीएचएस स्टोर के पास रखे सभी सिलेंडर खाली थे और उन्हें दो दिन पूर्व ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से मंगाया गया। इन्हें डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में भेजा जाना था। सभी सिलेंडरों को रिफिलिंग के लिए भेज दिया गया है, वहां से आने के बाद जरूरत के अनुसार कोविड सेंटरों को भेजा जाएगा। पीएचपी से सिलेंडर आने और रिफिलिंग के बाद पुन: अस्पतालों को भेजने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। ऐसे में कुछ सिलेंडर वहां अक्सर रखे जाते हैं।

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