एनएमसीएच की ओपीडी में पहुंचे 1791 मरीज, हुए 21 ऑपरेशन

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की छह दिनों तक चली हड़ताल के कारण मरीजों का आना कम हो गया था। सेंट्रल इमरजेंसी और शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी के बेड खाली रहे। हड़ताल खत्म होने के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के बीच की खींचतान खत्म होती नजर आयी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 01:12 AM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 01:12 AM (IST)
एनएमसीएच की ओपीडी में पहुंचे 1791 मरीज, हुए 21 ऑपरेशन
एनएमसीएच की ओपीडी में पहुंचे 1791 मरीज, हुए 21 ऑपरेशन

पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की छह दिनों तक चली हड़ताल के कारण मरीजों का आना कम हो गया था। सेंट्रल इमरजेंसी और शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी के बेड खाली रहे। हड़ताल खत्म होने के दूसरे दिन शुक्रवार को सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के बीच की खींचतान खत्म होती नजर आई। ओपीडी में पहुंचे 1791 मरीजों का दोनों ने मिलकर इलाज किया। 21 मरीजों का ऑपरेशन किया। बेहतर इलाज होने की यकीन के साथ मरीज पहुंचते रहे। हड़ताल की वजह बनी कमियां अस्पताल में बरकरार रहने की चर्चा पूरे दिन होती रही।

प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता एवं अधीक्षक डॉ. गोपाल कृष्ण ने कहा कि जल्द ही कमियों को दूर कर स्वास्थ्य सेवा तथा व्यवस्था को और भरोसेमंद बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेंट्रल इमरजेंसी एवं शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। हालात बिलकुल सामान्य हो गए हैं। प्राचार्य ने कहा कि सभी विभागाध्यक्षों एवं सीनियर व जूनियर डॉक्टरों के साथ होने वाली अहम बैठक अपरिहार्य कारण से नहीं हो सकी। जल्द ही बैठक कर तालमेल को और मजबूत किया जाएगा।

अस्पताल के सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सुबह से ही मरीजों की कतार लगी रही। सभी सात काउंटरों पर रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ। यहां से निकले मरीज विभिन्न विभागों के ओपीडी में पहुंचे। डॉक्टरों को दिखाने के बाद मरीज की कतार जांच के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थित सेंट्रल पैथोलॉजी, एक्सरे एवं अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर लगी रही। दवा वितरण काउंटर पर खड़े मरीजों को पुर्जा में से दो-तीन दवाइयां ही मिल पा रही थी।

मरीजों एवं उनके स्वजनों का कहना था कि बीमारी को लेकर वह परेशान होते हैं। ऐसे में डॉक्टर व नर्स से वह तुरंत इलाज शुरू करने और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने की उम्मीद करते हैं। कुछ डॉक्टरों एवं नर्सों के तल्ख तेवर में बात करने तथा असहयोगपूर्ण रवैये के कारण शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान कुछ लोग संयम खो देते हैं। लोगों ने दोनों ओर से सहयोग करने की बात कही ताकि हड़ताल का कारण उत्पन्न न हो सके।

पेंडिग ऑपरेशन जल्द लाइनअप करे विभाग

निश्चेतना विभाग के अध्यक्ष सह ओटी इंचार्ज डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि हड़ताल के दौरान विभिन्न विभागों में भर्ती मरीजों का ऑपरेशन पेंडिग पड़ गया है। सभी विभाग पेंडिग ऑपरेशन को जल्दी-जल्दी लाइनअप करें। ओटी और सहयोग देने को निश्चेतना विभाग तैयार है। सर्जरी, हड्डी रोग विभाग, कान-नाक-गला विभाग, नेत्र रोग विभाग आदि में मरीजों के ऑपरेशन का बैकलॉग आपसी सहयोग से जल्द खत्म करने की आवश्यकता है।

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