बिहार के विश्‍वविद्यालयों के पास पड़े हैं 11 सौ करोड़ रुपये, अब सरकार ने शुरू कर दी जांच-पड़ताल

बिहार के विश्वविद्यालयों ने नहीं दिया 1100 करोड़ का हिसाब। सरकार ने पीएल एकाउंट की जांच-पड़ताल की शुरू। कुलसचिवों एवं वित्त अधिकारियों को चेताया अविलंब पीएल एकाउंट का हिसाब देने का आदेश जानकारी नहीं देने पर दर्ज होगी प्राथमिकी

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 12:59 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 12:59 PM (IST)
बिहार के विश्‍वविद्यालयों के पास पड़े हैं 11 सौ करोड़ रुपये, अब सरकार ने शुरू कर दी जांच-पड़ताल
बीआरए बिहार विवि में है सबसे ज्‍यादा राशि। फाइल फोटो

दीनानाथ साहनी, पटना। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे बिहार के विश्वविद्यालयों में वित्तीय अराजकता चरम पर है। ऐसे विश्वविद्यालयों के  पीएल एकाउंट (पर्सनल लेजर एकाउंट) में वर्षों से बिना उपयोग के 1100 करोड़ रुपये पड़े हैं, यह जानकार हैरान शिक्षा विभाग ने गंभीरता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। विश्वविद्यालयों को चेतावनी देते हुए पीएल एकाउंट में पड़ी राशि का अविलंब हिसाब देने को कहा है। यदि कुलसचिवों और वित्त अधिकारियों ने हिसाब देने में जरा भी लापरवाही बरती तो शिक्षा विभाग के स्तर से जांच कमेटी बिठाई जाएगी और कुलसचिवों और वित्त पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। शिक्षा विभाग की कार्रवाई की तैयारी से विश्वविद्यालयों में खलबली मची हुई है।

बीआरए विवि में सर्वाधिक 307 करोड़ रुपये जमा 

शिक्षा विभाग की जांच-पड़ताल में यह बात सामने आयी है कि सभी विश्वविद्यालयों के पीएल एकाउंट में बिना इस्तेमाल के 1100 करोड़ 13 लाख रुपये जमा हैैं। इसमें बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) के पीएल एकाउंट में सर्वाधिक 307 करोड़ 12 लाख रुपये की राशि है। पीएल एकाउंट में जमा राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं है कि यह राशि क्यों ली गई? जबकि इस राशि का इस्तेमाल शिक्षकों-कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और सेवानिवृत्त लाभ भुगतान में किया जाना चाहिए था। इसकी पोल-पट्टी तब खुली जब शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों, कर्मचारियों व पेंशनधारकों के नाम के साथ राशि के बारे में रिपोर्ट मांगी, जिनके बकाये का क्लेम शिक्षा विभाग से किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जमा राशि के बारे में पूछने पर  कुलसचिवों द्वारा गोलमटोल जवाब दिया गया। 

शिक्षकों-कर्मियों को नहीं दिया जा रहा सेवानिवृति लाभ

खास बात यह है कि एक ओर विश्वविद्यालयों के पीएल एकाउंट में इतनी बड़ी राशि बिना उपयोग की जमा पड़ी हुई है और दूसरी ओर उन्हीं विश्वविद्यालयों से सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को सेवानिवृति लाभ का भुगतान नहीं हो रहा है। यह स्थिति विश्वविद्यालयों में वर्षों से बनी हुई है। विश्वविद्यालयों में व्याप्त इस वित्तीय अराजकता की स्थिति को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। शिक्षा सचिव असंगबा चुबा आओ ने कुलसचिवों को दो टूक कहा है कि पीएल एकाउंट में पड़ी राशि का ब्यौरा अविलंब उपलब्ध कराएं।

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