बिहार के 10 फीसद लोग मोटापे के शिकार, व्रत-उपवास के कारण महिलाओं में बढ़ रहा मोटापा
बिहार के लोगों में तेजी से बढ़ रही मोटापा की समस्या महिलाओं में ज्यादा व्रत करने की वजह से तो फास्टफूड के कारण राजधानी में 10 में एक बच्चा इसका शिकार आइजीआइएमएस में बैरिएट्रिक सर्जरी पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में पांच से दस फीसद लोग मोटापे की चपेट में आ चुके हैं। राजधानी के बेहतर स्कूलों के बच्चे भी मोटापे के शिकार हैं। आइजीआइएमएस के सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग व एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह जानकारी आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने कहीं। वह बिहार से जुड़े आंकड़ों को साझा कर रहे थे।
कोलकाता के आइएलएस अस्पताल के वरीय सर्जन डॉ. ओम तातिया ने कहा कि बैरिएट्रिक सर्जरी मोटापे के नियंत्रण के लिए सबसे कारगर विधि है। लेप्रोस्कोपिक विधि से ऑपरेशन में दो-तीन दिनों में अस्पताल से छुट्टी हो जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाएं मोटापे से बचने के लिए अक्सर फास्टिंग करती हैं। यह खतरनाक है। इससे मोटापा और बढ़ता है। मोटापा कम करने में नियमित अंतराल पर अच्छी तरह चबाकर भोजन एवं हर दिन व्यायाम करना सहायक है। फास्टफूड के कारण मोटापा बढ़ रहा है। ऐसे में यदि किसी का वजन 100 किलो से अधिक, लंबाई पांच फीट दो इंच, बीएमआइ (बॉडी मास इंडेक्स) 30 से ऊपर और चलने-फिरने में परेशानी हो तो वह मोटापे की सर्जरी कराने वालों की श्रेणी में आ चुका है। ऐसे लोगों को निश्चित रूप से सर्जरी कराने की जरूरत है।
गांव के अस्पताल में भी मजबूत होंगे संसाधन
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि आइजीआइएमएस नई बुलंदियां छू रहा है। बिहार के हर गांव के अस्पतालों में आधारभूत संरचना मजबूत की जा रही है। इंडोक्रायनोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि मोटापे के कारण शुगर, बीपी, थॉयरायड की बीमारी बढ़ जाती है। बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद इस बीमारी में दवा की खुराक कम हो जाती है।
डॉ. संजय कुमार व डॉ. साकेत कुमार ने कहा कि आइजीआइएमएस में सबसे कम केवल 60 हजार में सर्जरी हो जा रही है। वहीं निजी अस्पताल में दो लाख से अधिक खर्च हो रहा है। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, निदेशक डॉ. एनआर विश्वास ने दीप प्रज्जवलित कर किया। संचालन डॉ. अमरजीत कुमार, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. साकेत कुमार ने किया। मौके पर प्राचार्य डॉ. रंजीत गुहा, डॉ. वीएम दयाल, डॉ. केएच राघवेंद्र, डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. अमन कुमार, डॉ. सागर भी मौजूद थे।