इमारत-ए-शरिया सहित 10 इस्‍लामिक संस्‍थाओं की मांग, रमजान में धार्मिक स्‍थलों को खोले बिहार सरकार

इमारत-ए-शरिया समेत 10 इस्‍लामिक संस्‍थाओं ने बिहार में शर्तों के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने की उठाई मांग बिहार की दस इस्लामिक संस्थाओं के उलेमाओं ने वर्चुअल बैठक कर की मांग समाज के सभी वर्गों से की अपील गाइडलाइन का करें अनुपालन

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:06 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 08:06 AM (IST)
इमारत-ए-शरिया सहित 10 इस्‍लामिक संस्‍थाओं की मांग, रमजान में धार्मिक स्‍थलों को खोले बिहार सरकार
राजधानी पटना की एक मस्‍ज‍िद। फाइल फोटो

फुलवारीशरीफ (पटना), संवाद सूत्र। Ramjan Begins: रमजान का पाक महीना बुधवार से शुरू हो गया। रमजान के पहले दिन सभी रोजेदारों ने अपने घरों में ही नमाज अदा की। बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार की गाइडलाइन के कारण राज्‍य के सभी धार्मिक स्‍थल पूरे अप्रैल महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके चलते मस्जिदों में नमाज अदा करने का मौका लोगों को नहीं मिल रहा है। इस बीच बिहार, झारखंड और बंगाल के मुसलमानों की बड़ी संस्‍था इमारत-ए-शरिया ने सरकार से मांग की है कि शारीरिक दूरी और मास्‍क जैसी गाइडलाइन का पालन करते हुए मस्जिदों में नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए। उलेमाओं ने कहा है कि जिन शर्तों पर सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, पार्क, निजी व सरकारी दफ्तर खुले हैं, राज्य सरकार काे उन्हीं शर्तों के आधार पर मस्जिद समेत तमाम धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए।

सरकार को अपनी गाइडलाइन पर करना चाहिए पुनर्विचार

इमारत-ए-शरिया के उलेमाओं ने कहा है कि सरकार को अपनी गाइडलाइन पर पुनर्विचार करना चाहिए। राज्य सरकार से यह अपील मंगलवार को बिहार के दस इस्लामिक संस्थाओं के उलेमाओं ने वर्चुअल बैठक के बाद की। उलेमाओं ने अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसका पालन समाज के सभी वर्ग करें।

सेहत के लिए मास्‍क और सैनिटाइजर के इस्‍तेमाल की वकालत

उलेमाओं ने रोजेदारों से कहा है कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। साथ ही मास्क लगाएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहें। सेहत का ख्याल रखना भी हमारे ईमान का तकाजा है। ये बातें मंगलवार को वर्चुअल बैठक कर बिहार के उलेमाओं ने कहीं। उलेमाओं का कहना था कि कोरोना वायरस की नई लहर को देखते हुए रमजान-उल-मुबारक में इबादत व नमाज घरों में ही अदा की जाए।

बिहार, झारखंड और ओडिशा के उलेमा हुए शामिल

उलेमाओं ने अपील जारी कर कहा है कि मस्जिदों में अजान के साथ इमाम, मो-अज्जीन, व मस्जिद कमेटी के सदस्य कम-से-कम संख्या में मस्जिदों में पहुंचकर नमाज अदा करें। बैठक में बिहार, ओडिशा, झारखंड इमारत-ए-शरिया के नायब अमीर-ए-शरीयत मौलाना मो. शमशाद रहमानी कासमी, खानकाह मुनमिया मित्तन घाट के सज्जादानशीं मौ. डॉ. शमीम अहमद मुनअमी, मजलिस उलमा व खुतब-ए-इमामिया बिहार के मौलाना सैय्यद अमानत हुसैन, जमीयत उलेमा बिहार के नाजिम मौलाना मो. नाजिम कासमी आदि शामिल हुए।

बैठक में मदरसा इस्लामिया शमशुल-होदा के ङ्क्षप्रसिपल मौलाना सैय्यद मशहूद अहमद कादरी नदवी, मुस्लिम मुसावरत के महासचिव डॉ. अनवारूल होदा, जमायते-इस्लामी बिहार के अमीर मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही, जमात अहले हदीस पटना के सदर मौलाना खुरशीद अहमद मदनी, खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादानशीं मौलाना डॉ. अहमद वली फैसल रहमानी, जमायते उलेमा बिहार के हसन अहमद कादरी शामिल हुए।

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