मेसकौर में निजी क्लीनिक में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत

नवादा। मेसकौर प्रखंड मुख्यालय में संचालित मां क्लीनिक में बच्चेदानी का ऑपरेशन के बाद महिला की मौत हो गई। शुक्रवार की दोपहर महिला का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन बाद महिला की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। लेकिन चिकित्सक द्वारा स्वजनों की शिकायत अनसूनी की जा रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2021 11:46 PM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2021 11:46 PM (IST)
मेसकौर में निजी क्लीनिक में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत
मेसकौर में निजी क्लीनिक में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत

नवादा। मेसकौर प्रखंड मुख्यालय में संचालित मां क्लीनिक में बच्चेदानी का ऑपरेशन के बाद महिला की मौत हो गई। शुक्रवार की दोपहर महिला का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन बाद महिला की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। लेकिन चिकित्सक द्वारा स्वजनों की शिकायत अनसूनी की जा रही थी। मृतका जिले के सिरदला थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव निवासी शंकर प्रसाद यादव की पत्नी रीना देवी थी। घटना के बाद चिकित्सक गोपाल प्रसाद सहित सभी कर्मी क्लीनिक छोड़कर फरार हो गए। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दी है। महिला की मौत से स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।

बताया गया कि शुक्रवार को दिन में 1 बजे करीब महिला क्लीनिक में पहुंची थी। 2 बजे उसे ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। 3 बजे ऑपरेशन बाद उसे बाहर निकाला गया। शाम 5 बजे मरीज की परेशानी बढ़ने लगी। रोगी की परेशानी से डॉक्टर को अवगत कराया गया। लेकिन नोटिस नहीं लिया गया। देर रात को 2बजे करीब मरीज की मौत हो गई। घटना के बाद क्लीनिक संचालक सहित सभी कर्मी फरार हो गए। इस बावत मेसकौर थाना के एसएचओ नीरज कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम कराने सदर अस्पताल नवादा भेजा गया है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मृतका 25 वर्षीया रीना देवी के तीन बच्चे हैं। इसमें दो बेटी और एक बेटा है। मृतका के स्वजनों ने बताया कि यह घटना डॉक्टर की लापरवाही की वजह से हुई। बताया कि हमलोग मरीज को इलाज के लिए नवादा ले जाने के लिए प्रयास करते रहे,परंतु चिकित्सक गोपाल प्रसाद लगातार सब ठीक होने का भरोसा दिलाते रहे। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नवादा भेज दिया है।

इस घटना के बाद स्थानीय बुद्धिजीवियों में सरकारी सिस्टम के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। कहा गया कि अवैध जांच केंद्रों व क्लीनिक संचालन की जानकारी जिले के सभी वरीय अधिकारियों को देते रहने के बाद भी झोला छाप डॉक्टरों द्वारा अवैध क्लीनिक का संचालन बंद नहीं किया जा रहा है। बड़े-बड़े ऑपरेशन कर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

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