आशा की मौत पर अस्पताल में हंगामा व तोड़फोड़

- स्वजनों ने इलाज में लगाया लापरवाही का आरोप - पुलिस ने समझा-बुझाकर कराया शांत ----------

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:23 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 06:23 PM (IST)
आशा की मौत पर अस्पताल में हंगामा व तोड़फोड़
आशा की मौत पर अस्पताल में हंगामा व तोड़फोड़

- स्वजनों ने इलाज में लगाया लापरवाही का आरोप

- पुलिस ने समझा-बुझाकर कराया शांत

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फोटो-5,6

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संवाद सहयोगी, नवादा : इलाज के दौरान आशा की मौत पर स्वजनों ने शनिवार को सदर अस्पताल में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ किया। इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में रखे सामान को इधर -उधर फेंक दिया गया। कुर्सियां तोड़ डाली। मृतका 45 वर्षीया अहिल्या देवी रोह प्रखंड के ओहारी गांव निवासी दयानंद सिंह की पत्नी थी। बताया जाता है कि शनिवार की सुबह अचानक आशा कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ गई और वह पेट दर्द से कराहने लगी। जिसके बाद स्वजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। इसी बीच आशा की मौत हो गई। जिसके बाद स्वजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करना शुरू कर दिया। चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा शोर शराबा करना शुरू कर दिया। इमरजेंसी वार्ड में रखे सामान को तितर बितर कर दिया। लोगों के उग्र रूप को देख स्वास्थ्यकर्मी वहां से भाग निकले। हंगामा कर रहे मृतका के स्वजनों का कहना था कि इलाज में लापरवाही बरती गई है। ऑक्सीजन को सही तरीके से नहीं लगाया गया। बार-बार कहने के बावजूद उसे ठीक नहीं किया गया। सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं मिलने के फलस्वरुप महिला की मौत हो गई। हंगामे की सूचना मिलते ही नगर थाने की पुलिस अस्पताल पहुंच गई और लोगों को शांत कराया। एसआइ विजय सिंह ने बताया कि लोगों को समझा बुझाकर शांत करा दिया गया। जिसके बाद वे सभी वापस लौट गए। इधर, सिविल सर्जन डॉ. विमल प्रसाद सिंह ने बताया कि महिला गैस की समस्या से पीड़ित थी। अस्पताल आने के 10-15 मिनट के अंदर ही उसकी मौत हो गई। इस अवधि में समुचित इलाज किया गया और आवश्यक दवाईयां भी दी गई। बावजूद मृतका के स्वजनों का रवैया सही नहीं था।

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