बालू का अवैध खनन रोकने को नदी घाटों से लेकर सड़क पर सख्ती

नवादा बरसात के तीन माह जुलाई अगस्त व सितंबर में नदी घाटों से बालू की निकासी पर रोक होती है। लेकिन अवैध धंधेबाज चोरी-छिपे बालू की निकासी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 11:00 PM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 11:00 PM (IST)
बालू का अवैध खनन रोकने को नदी घाटों से लेकर सड़क पर सख्ती
बालू का अवैध खनन रोकने को नदी घाटों से लेकर सड़क पर सख्ती

नवादा : बरसात के तीन माह जुलाई, अगस्त व सितंबर में नदी घाटों से बालू की निकासी पर रोक होती है। लेकिन, अवैध धंधेबाज चोरी-छिपे बालू की निकासी कर रहे हैं। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस अवैध धंधे पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नदी घाटों से लेकर चौक-चौराहों पर सख्ती बरती जा रही है। जिलाधिकारी नवादा ने अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण पर रोकथाम लगाने के लिए सभी अंचलाधिकारी, जिला खनन जिलाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी को सख्त निर्देश दे रखे हैं। नदी घाटों पर पुलिस-प्रशासन को निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं। पिछले दिनों नरहट अंचल में 02 जगह पर छापामारी की गई। सिरदला अंचल में 20 स्थानों पर छापामारी की गई जिसमें 200 सीएफटी बालू लदे दो ट्रैक्टर को जब्त कर खनन विभाग के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। रजौली में 11 स्थानों पर छापामारी की गई है। अवैध खनन, परिवहन एवं रोकथाम के लिए जिला प्रशासन काफी सख्त है । इस पर रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के द्वारा 24 घंटे निगरानी की जा रही है। चौक चौराहों पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। बता दें कि नवादा जिले के सकरी, खुरी, पंचाने आदि नदियों का बालू काफी उच्च क्वालिटी का है। ऐसे में दूसरे जिलों में भी यहां के बालू की मांग रहती है। मांग ज्यादा है तो बालू की चोरी व अवैध व्यापार होता है। पिछले दिनों सोन सहित अन्य नदियों से बालू के अवैध व्यापार के कारण कई विभागीय अधिकारी से लेकर पुलिस व प्रशासनिक महकमा के बड़े अधिकारी पर सरकार की कार्रवाई की गाज गिर चुकी है। ऐसे में नवादा जिले में प्रशासन काफी सख्ती बरत रही है। नवादा, वारिसलींगज, सिरदला, नारदीगंज, रजौली, नरहट, हिसुआ, कौआकोल, रोह, गोविदपुर आदि इलाके में बालू का अवैध व्यापार ज्यादा होता है। संबंधित प्रखंडों के अधिकारियों को इसपर रोकथाम के लिए विशेष हिदायत दी गई है। हालांकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ बंदी के तीन माह ही अवैध व्यापार होता है, बल्कि सच तो ये है कि हर मौसम में धंधेबाज सक्रिय रहते हैं। लेकिन तब संवेदक के लोग भी रोकथाम के लिए सक्रिय रहते हैं। बरसात के तीन माह अवैध धंधेबाजों की सक्रियता ज्यादा हो जाती है। लेकिन, इस साल प्रशासन द्वारा पूर्व की अपेक्षा ज्यादा सख्ती दिखाई जा रही है। पेनाल्टी का दर भी बढ़ा दिया गया है। जिससे अवैध धंधे पर थोड़ा लगाम लगा है।

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