कोरोना की दूसरी लहर भयावह, सजग रहने की जरूरत : डीएम

नवादा। कोरोना संक्रमण का दूसरा लहर काफी भयावह है। काफी तेजी से यह संक्रमण जिले में फैल रहा है। माना जा रहा है कि मई महीने में यह अपने परवान पर होगा। लेकिन इससे घबराएं नहीं सजग रहें। महामारी से बचने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। जिलाधिकारी यश पाल मीणा ने गुरुवार को डीआरडीए सभा भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग मास्क जरुर पहनें।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 12:02 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 12:02 AM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर भयावह, सजग रहने की जरूरत : डीएम
कोरोना की दूसरी लहर भयावह, सजग रहने की जरूरत : डीएम

नवादा। कोरोना संक्रमण का दूसरा लहर काफी भयावह है। काफी तेजी से यह संक्रमण जिले में फैल रहा है। माना जा रहा है कि मई महीने में यह अपने परवान पर होगा। लेकिन इससे घबराएं नहीं, सजग रहें। महामारी से बचने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। जिलाधिकारी यश पाल मीणा ने गुरुवार को डीआरडीए सभा भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग मास्क जरुर पहनें। बेवजह घर से न निकलें। काफी आवश्यक होने पर घरों से बाहर आएं। बाजार में अनावश्यक भ्रमण न करें। भीड़ इकट्ठा न करें। शारीरिक दूरी का पालन करें। खुद सजग रहकर अन्य लोगों को जागरूक करें। सामूहिक प्रयास से इस संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। डीएम ने संक्रमण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि जिले में अभी 317 एक्टिव केस हैं। गत 9 अप्रैल को 121 केस सक्रिय थे। इस लिहाज से देखा जाए तो जिले में संक्रमण दर तेजी से बढ़ रहा है। छह दिनों में तीन संक्रमितों की मौत हुई है। इस प्रकार जिले में अबतक कुल 30 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। अभी 315 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। जबकि दो का इलाज अस्पताल में चल रहा है। प्रेस वार्ता में डीडीसी वैभव चौधरी, स्थापना शाखा पदाधिकारी संतोष झा, सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती, डीएओ अरविद कुमार झा, डीआइओ डॉ. अशोक कुमार, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार उपस्थित रहे।

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तेजी से चल रही कोरोना की जांच

- डीएम ने बताया कि बड़ी तेजी से जिले में कोरोना की जांच चल रही है। प्रतिदिन कम से कम 500 सैंपल आरटीपीसीआर के लिए भेजा जा रहा है। जबकि 150 सैंपलों की जांच ट्रू-नेट से की जा रही है। उन्होंने अबतक हुई जांच के संदर्भ में बताया कि आरटीपीसीआर से 1 लाख 1 हजार 526 और ट्रू-नेट से 40 हजार 393 सैंपलों की जांच कराई गई है। जबकि रैपिड एंटीजेन कीट से 5 लाख 67 हजार 239 सैंपलों की जांच कराई गई है। इस प्रकार कुल 7 लाख 9 हजार 158 सैंपलों की जांच कराई जा चुकी है।

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