उच्च न्यायालय के आदेश पर एसडीओ ने रोका पत्थर खनन

प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर अवस्थित लोमष ऋषि पहाड़ पर हो रहे खनन पर पूर्णत रोक लगाने के लिए मंगलवार को एसडीओ चंद्रशेखर आजाद बीडीओ अनिल मिस्त्री एवं थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:17 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:17 PM (IST)
उच्च न्यायालय के आदेश पर एसडीओ ने रोका पत्थर खनन
उच्च न्यायालय के आदेश पर एसडीओ ने रोका पत्थर खनन

संवाद सूत्र, रजौली : प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर अवस्थित लोमष ऋषि पहाड़ पर हो रहे खनन पर पूर्णत: रोक लगाने के लिए मंगलवार को एसडीओ चंद्रशेखर आजाद, बीडीओ अनिल मिस्त्री एवं थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी पहुंचे। एसडीओ ने बताया कि छपरा गांव सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए 20 जुलाई को उच्च न्यायालय पटना के डबल बेंच में मुख्य न्यायधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार ने राज्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी किया और तत्काल खनन कार्य पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार मंगलवार को लोमष ऋषि पहाड़ पर हो रहे खनन कार्य कर रही महादेवा, कात्यायनी एवं मधुकोन तीनों कंपनियों को अगले आदेश तक खनन कार्य पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया। 31 अगस्त को उच्च न्यायालय द्वारा सरकार से सभी बिदुओं पर जवाब मांगा गया है। बताते चलें कि लोमस ऋषि पहाड़ के सबसे उंची चोटी पर लोमस ऋषि और याज्ञवल्क्य ऋषि का तपोस्थली है। इस पहाड़ के इर्द-गिर्द दर्जनों गांव के लोगों की आस्था जुड़ी है। सभी लोग यहां मन्नत मांगने आते हैं और पूरा होने के बाद अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं। यह परंपरा 500 वर्षों से चली आ रही है। इसके बावजूद खनन करने वाले कंपनियों के द्वारा वर्ष 2015 में पहाड़ की बंदोबस्ती करने के दौरान तत्कालीन सीओ से रिपोर्ट मांगी गई थी। तत्कालीन सीओ द्वारा गलत रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत किया गया जिसके बाद पहाड़ का बंदोबस्ती हुआ था। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में पीआईएल दाखिल किया था। जिस पर उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अगले आदेश तक लोमस ऋषि पहाड़ पर हो रहे खनन कार्य पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया है।

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