अपराधियों का पता लगाने में हांफ रही पुलिस

गया। चोरी की घटनाओं का राजफाश करने में इन दिनों नगर थाना की पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। शहर में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। चोर पकड़े नहीं जा रहे हैं और जिस बदमाश को लोग पकड़ कर देते हैं वह भी थाना से भाग जाता है। लेकिन पुलिस उसका भी पता नहीं लगा पा रही है। शहर में चोरी की कई घटनाएं हुई हैं। लोगों के बंद घरों को चोर अपना निशाना बना रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 05:43 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 07:30 AM (IST)
अपराधियों का पता लगाने में हांफ रही पुलिस
अपराधियों का पता लगाने में हांफ रही पुलिस

गया। चोरी की घटनाओं का राजफाश करने में इन दिनों नगर थाना की पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। शहर में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। चोर पकड़े नहीं जा रहे हैं और जिस बदमाश को लोग पकड़ कर देते हैं, वह भी थाना से भाग जाता है। लेकिन पुलिस उसका भी पता नहीं लगा पा रही है। नवादा शहर में चोरी की कई घटनाएं हुई हैं। लोगों के बंद घरों को चोर अपना निशाना बना रहे हैं। घटना होने के बाद पीड़ित प्राथमिकी दर्ज करा रहे हैं और पुलिस महज प्राथमिकी दर्ज कर इतिश्री कर ले रही है। दो दिन पूर्व वीआइपी कॉलोनी मोहल्ले में शिक्षक शंकर कुमार के घर से नगदी और जेवरात की चोरी हुई। इसके पहले भी नगर के विभिन्न इलाकों में चोरी की घटनाएं हुईं। लेकिन पुलिस को किसी भी मामले का सुराग नहीं मिल सका। नतीजतन पुलिस के हाथ खाली हैं और खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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आठ सेक्टर में शहर को बांट निगरानी का था दावा

- नगर थाना की पुलिस ने ठंड के सीजन में शहर को आठ सेक्टर में बांट कर निगरानी करने की बात कही थी। प्रत्येक सेक्टर में पुलिस पदाधिकारियों व जवानों की तैनाती की बात कही गई थी। पुलिस का कहना था कि शहर को छोटे-छोटे सेक्टर में बांटा गया है, ताकि गश्ती करने में सहूलियत हो। लंबी दूरी रहने पर गश्ती के बावजूद चोरी की घटना हो सकती है। छोटी दूरी रहने पर पुलिस एक स्थान से दूसरे स्थान तक चंद मिनटों में पहुंचेगी। जिससे चोर अपनी मंशा में सफल नहीं हो सकेंगे। लेकिन पुलिस की यह कवायद धरती पर नहीं उतर सकी है। फलस्वरुप चोरी की घटनाएं जारी हैं।

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कोढ़ा गिरोह के भागने वाले सदस्य का नहीं चला पता

- नगर थाना से चकमा देकर फरार होने वाले कोढ़ा गिरोह के सदस्य का पता लगाने में भी पुलिस नाकाम है। गौरतलब है कि पिछले दिनों अकबरपुर थाना क्षेत्र के राजापुर इंदौल गांव निवासी सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल विनोद कुमार सिंह स्टेट बैंक की मुख्य शाखा से रुपये निकालने पहुंचे थे। चार लाख रुपये की निकासी के बाद वे बैंक से बाहर निकले। रुपये को बाइक की डिक्की में रखा। तभी पल्सर बाइक से पहुंचे दो बदमाशों ने डिक्की से रुपया निकाल लिया और भागने लगे। सीआरपीएफ जवान की सतर्कता की वजह से लोगों ने दोनों बदमाश को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था। लेकिन चंद घंटों बाद ही नगर थाना से पुलिस को चकमा देकर रमेश कुमार नामक बदमाश भाग निकला था।

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मुखबिर के बजाए तकनीकी अनुसंधान पर टिकी है पुलिस

- हाल के वर्षों में पुलिस की कार्यशैली में बदलाव आया है। अब पुलिस ने मुखबिरों का सहारा लेना बंद कर दिया है और अधिकांशत: तकनीकी अनुसंधान के बदौलत कांड सुलझाने की कवायद की जाती है। ऐसे में अज्ञात मामलों में पुलिस को ज्यादातर खाली हाथ ही रहना पड़ रहा है। सीसी कैमरे के फुटेज भी पुलिस को मदद नहीं दिला पा रहे हैं। फलस्वरुप अपराधियों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं और आए दिन आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर चुनौती दे रहे हैं।

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कहते हैं अधिकारी

- चोरी के मामले का पता लगाया जा रहा है। आठ सेक्टर में बांट कर शहर में लगातार पुलिस गश्ती कर रही है। आपराधिक घटनाओं पर नकेल कसा जा रहा है।

टीएन तिवारी, नगर थानाध्यक्ष नवादा।

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