अवैध खनन की सूचना पर अधिकारियों ने की अभ्रक खदानों पर छापेमारी
नवादा। रजौली थाना क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत में अभ्रक का अवैध खनन की सूचना पर बुधवार को डीएफओ अवधेश कुमार झा ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के सहयोग से छापेमारी की।
नवादा। रजौली थाना क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत में अभ्रक का अवैध खनन की सूचना पर बुधवार को डीएफओ अवधेश कुमार झा ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के सहयोग से छापेमारी की। पंचायत के सपही व फगुनी स्थित अभ्रक खदानों में छापेमारी की गई। हालांकि सभी अभ्रक खदान बंद पाए गए। जिसके बाद डीएफओ ने अवैध खनन को रोकने को लेकर सपही स्थित चेक नाका के वनकर्मियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डीएफओ अवधेश कुमार ओझा ने बताया कि अभ्रक का अवैध उत्खनन करने की सूचना मिली थी। जिसके बाद रजौली एसडीओ चंद्रशेखर आजाद, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय, थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी को लेकर विशेष टीम गठित कर छापेमारी की गई। लेकिन छापेमारी के क्रम में अभ्रक खदान बंद मिले।
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वन विभाग की टीम लौटने के बाद होता है अवैध खनन
- जानकार सूत्र बताते हैं कि प्रतिदिन सुबह रजौली से वन विभाग की टीम अभ्रक खदानों पर नजर रखने को लेकर सवैयाटांड़ पहुंचती है। टीम सुबह लगभग 10 बजे से लेकर दोपहर बाद 3 बजे तक खदान क्षेत्रों की निगरानी करती है। 3 बजे के बाद जब टीम वहां से वापस रजौली लौट जाती है तो अवैध उत्खनन करने वाले खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं और टीम के जाने के बाद अभ्रक के अवैध उत्खनन में जुट जाते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि शाम से शुरु होने वाला अवैध उत्खनन पूरी रात चलता है और फिर सुबह होने से पहले खनन माफिया खदानों को छोड़कर निकल जाते हैं। ऐसे में वन विभाग की टीम को अभ्रक के अवैध उत्खनन पर लगाम कस पाना मुश्किल नजर आता है।
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चार-पांच दिनों पूर्व वन विभाग ने जब्त की थी जेसीबी मशीन, लेकिन नहीं ला सके रजौली
- अभ्रक के अवैध उत्खनन की सूचना पर चार-पांच दिनों पूर्व रजौली पूर्वी के नवपदस्थापित वनपाल दिनेश कुमार दुबे द्वारा छापेमारी की गई थी। छापेमारी के क्रम में एक जेसीबी मशीन को जब्त भी कर लिया गया था। लेकिन खनन माफिया जेसीबी को खराब कर वहां से फरार हो गए थे। डीएफओ ने बताया कि वन विभाग की टीम द्वारा जब्त जेसीबी मशीन को मैकेनिक से बनवा कर रजौली वन प्रक्षेत्र लाने की काफी कोशिश भी की गई थी। बावजूद मैकेनिक जेसीबी को चालू करने में तो सफल रहे लेकिन जेसीबी को चलाकर आगे नहीं ले जाया जा सका था। अगले दिन खनन माफिया जेसीबी को लेकर भाग निकले।