मां दुर्गा का पट खुला, श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना

पकरीबरावां। पकरीबरावां बाजार के थाना रोड स्थित चैती नवरात्र के अष्टमी को मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा अर्चना एवं आरती के बाद सोमवार की रात मां दुर्गा का पट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया। यद्यपि कोरोना गाइड लाइन के कारण विशेष आयोजन पर रोक है। मंदिर के पुजारी ने पूजा अर्चना की। कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए मंदिरों में पारंपरिक तरीके से अनुष्ठान किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 08:06 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 08:06 PM (IST)
मां दुर्गा का पट खुला, श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना
मां दुर्गा का पट खुला, श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना

पकरीबरावां। पकरीबरावां बाजार के थाना रोड स्थित चैती नवरात्र के अष्टमी को मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा अर्चना एवं आरती के बाद सोमवार की रात मां दुर्गा का पट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया। यद्यपि कोरोना गाइड लाइन के कारण विशेष आयोजन पर रोक है। मंदिर के पुजारी ने पूजा अर्चना की। कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए मंदिरों में पारंपरिक तरीके से अनुष्ठान किया गया। मां दुर्गा का पट खुलते ही श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइड लाइन के तहत देवी दर्शन किया। वहीं कोविड19 के वजह से काफी कम संख्या में लोग दर्शन को पहुंचे। वहीं महिलाएं मां की आरती उतारी तथा खोइचा भराई करते नजर आए। कोरोना गाइड लाइन के कारण श्रद्धालु घरों में रहकर ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने विश्व को कोरोना जैसी महामारी से निजात दिलाने के लिए विधिवत पूजा अर्चना की एवं मां दुर्गा से विश्व कल्याण की प्रार्थना की। मंदिरों में विशेष अनुष्ठान के साथ इस महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की जा रही है।

महागौरी की कृपा से होती है अलौकिक शक्ति की प्राप्ति

आदि शक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूपांतर श्री महागौरी है। इनका वर्ण पूर्णत: गौर है। इसलिए ये महागौरी कहलाती हैं। नवरात्रि के अष्टम दिन इनका पूजन और अर्चन किया जाता है। इनकी कृपा से अलौकिक शक्ति एवं सिद्धियां की प्राप्ति होती है। महागौरी अपने भक्तों का कष्ट दूर करती हैं। इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। ये मनुष्य के वृतियों को सत्य की ओर प्रेरित कर असत्य का विनाश करती हैं। मंदिर के पुजारी शम्भू पांडेय ने बताया कि इनकी आराधना के दौरान साधक को अपना चित्त सोम चक्र में स्थिर करके साधना करनी चाहिए। माता महागौरी की आराधना से साधक को सोम चक्र जागृत होने की सिद्धियां स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं।

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