विधिक जागरूकता शिविर आयोजित, एससी-एसटी हुए जागरूक
नवादा। रजौली प्रखंड के हरदिया पंचायत पंचायत भवन में बीडीओ अनिल मिस्त्री सीओ अनिल प्रसाद एवं जिला विधिक संघ प्रतिनिधि रामानुज शर्मा के नेतृत्व में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को कानून के प्रति जागरूक किया गया।
नवादा। रजौली प्रखंड के हरदिया पंचायत पंचायत भवन में बीडीओ अनिल मिस्त्री, सीओ अनिल प्रसाद एवं जिला विधिक संघ प्रतिनिधि रामानुज शर्मा के नेतृत्व में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को कानून के प्रति जागरूक किया गया। जिला विधिक संघ के प्रतिनिधि ने बताया कि एससी,एसटी एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के कोई भी लोग जो न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं, उनलोगों को जिला विधिक सहायता केंद्र में जाकर अपनी समस्याओं की जानकारी देने पर उनकी सहायता की जाती है।एससी व एसटी एक्ट, दुर्घटना, हत्या, पॉक्सो एक्ट आदि से लेकर आपसी झगड़ों का निपटारा जिला विधिक सहायता केंद्र में आवेदन देने के उपरांत नि:शुल्क वकील की सहायता केस लड़ सकते हैं। विधिक सहायता केंद्र के पैनल में कुल लगभग 50 वकील हैं। पीड़ित 50 वकीलों में से किसी एक को चुनकर बिना किसी खर्च के केस लड़ सकते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत एवं लोक अदालत में शिकायत दर्ज कराने से संबंधित समस्याओं का निदान अविलंब किया जाता है। एससी व एससी एक्ट के तहत सरकार के तरफ से केस के शुरुआती दिनों में 25000 रुपये एवं केस खत्म होने पर 50000 रुपये की सहायता राशि पीड़ित को प्रदान किया जाता है।एससी व एसटी की हत्या उपरांत एक से तीन लाख तक के मुआवजे का प्रावधान है। वहीं दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर तीन लाख के मुआवजे का प्रावधान है। साथ ही खाद्य सामग्री से संबंधित शिकायत दर्ज कराने पर प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया जाता है। जिससे कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सो सके। बीडीओ अनिल मिस्त्री ने बताया कि लोगों में विधिक जानकारी के आभाव होता है। इसलिए एससी व एसटी लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। प्रखंड के प्रत्येक लोगों तक सरकार की सभी योजनाएं पहुंचनी चाहिए। जिससे लोगों का विकास हो सके। सीओ ने बताया कि लोगों को शिविर में आये सभी लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई।
मौके पर हरदिया पंचायत के पूर्व मुखिया पिन्टू साव,सरपंच एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सैकड़ों लोग मौजूद थे।