स्कूल की छत से गिरकर छात्रा घायल

नवादा। पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के उकौड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय उकौड़ा में शुक्रवार को एक छात्रा छत से गिरकर घायल हो गई। मौके पर पहुंची एंबुलेंस से छात्रा को उसके पिता आशोक कुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पकरीबरावां ले गए जहां इलाज कराया जा रहा है। बताया जाता है उकौड़ा गांव निवासी आशोक कुमार की 11 वर्षीया पुत्री निशा कुमारी छठे वर्ग की छात्रा स्कूल गई और अपने क्लास में बैग रखकर छत पर खेलने को चली गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:44 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:44 PM (IST)
स्कूल की छत से गिरकर छात्रा घायल
स्कूल की छत से गिरकर छात्रा घायल

नवादा। पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के उकौड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय उकौड़ा में शुक्रवार को एक छात्रा छत से गिरकर घायल हो गई। मौके पर पहुंची एंबुलेंस से छात्रा को उसके पिता आशोक कुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पकरीबरावां ले गए, जहां इलाज कराया जा रहा है। बताया जाता है उकौड़ा गांव निवासी आशोक कुमार की 11 वर्षीया पुत्री निशा कुमारी छठे वर्ग की छात्रा स्कूल गई और अपने क्लास में बैग रखकर छत पर खेलने को चली गई। जबकि वह समय स्कूल में बैठ कर पढ़ने का था। लेकिन अध्ययन कार्य शुरू नहीं होने की वजह से वह छत पर खेलने चली गई थी। अक्सर इस स्कूल में इस प्रकार का ²श्य देखने को मिलता है।

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न चारदीवारी का निर्माण और न ही छत की घेराबंदी

- प्राथमिक शिक्षा को 14 साल तक के बच्चों का मूल अधिकार होने व पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस, मिड डे मिल, जूते, स्वेटर आदि उपलब्ध कराने के नाम पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार अनेक योजनाएं तैयार करती है। लेकिन तमाम योजनाओं के बाद भी न जाने कितने स्कूलों में बच्चे हर समय मौत के खौफ के आगोश में क्षतिग्रस्त भवनों में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। ऐसा ही नजारा पकरीबरावां प्रखंड के गांव उकौड़ा मे देखने को मिल जाएगा। प्राथमिक विद्यालय अत्यंत जर्जर हालत में पहुंच चुका है। विभागीय लापरवाही इतनी है कि आज तक स्कूल का बिल्डिग पूरा नहीं बन सका। और विद्यालय के चारदीवारी भी नहीं किया गया। छत के चारों मुहाने पर घेराबंदी भी नहीं कराई जा सकी है।

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विभाग को कई बार कराया गया अवगत

- कई बार शिक्षा विभाग को इस जर्जर भवन के बारे में अवगत कराया जा चुका है तथा अनेक बार अधिकारियों द्वारा प्रस्ताव बनाकर भी भेजा जा चुका है। मगर अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हुई है। अधिकारी कागजी कार्यवाई करने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते विभाग किसी बड़ी घटना घटने का इंतजार करते हुए नजर आ रहा हैं। मजबूरी में बच्चों को दो ही कमर में भी बैठाया जा रहा है। जिस दिन अध्यापकों की बैठक होती है, बच्चों को बहार निकाल दिया जाता है। विद्यालय मे लगभग पांच सौ बालक और बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। परन्तु विभागीय उदासीनता देखिए यहाँ मात्र दो ही कमरा बचा हुआ है। हद तो जब हुआ कि स्कूल के शिक्षक अपने विभाग को कई बार लिखित शिकायत किया पर अबतक किसी अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल का भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है तथा स्कूल की चारदीवारी न होने के कारण अध्यापकों व स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभिभावक किसी अनहोनी के कारण अब अपनों बच्चों को स्कूल में भेजने से भी कतरा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने प्रखंड शिक्षा अधिकारी पकरीबरावां को भी स्कूल के जर्जर भवन के बारे में अवगत कराया था, अब आखिर बच्चे कहां बैठकर शिक्षा ग्रहण करें, यह बताने वाला कोई नहीं है।

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