विकास योजनाओं में अनियमितता को ले लोगों में रोष

संसू काशीचक प्रखंड क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत खखरी के मुखिया और पंचायत सचिव द्वारा मुख्यमंत्री सा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:44 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:44 PM (IST)
विकास योजनाओं में अनियमितता को ले लोगों में रोष
विकास योजनाओं में अनियमितता को ले लोगों में रोष

संसू, काशीचक : प्रखंड क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत खखरी के मुखिया और पंचायत सचिव द्वारा मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना, पक्की गली-नाली योजना, राजकीय नलकूप योजना समेत केंद्र प्रायोजित अन्य विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में घोर अनियमितता बरते जाने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। भाजपा के मंडल अध्यक्ष दीपक कुमार रिकू ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर मामले की जाँच कराने और दोषियों के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की है। आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, राज्य मंत्री पंचायती राज विभाग तथा आयकर सतर्कता आयुक्त को भी प्रेषित की गई है। आवेदन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत ग्राम पंचायत खखरी के ग्यारह वार्डों में हर घर नल का जल योजना के तहत प्राक्कलित राशि कम रहने की बात कहकर मामूली खुदाई कर पाइप लाइन बिछाई गई। साथ ही घटिया किस्म के पाइप और टेप का उपयोग किया गया। जिस कारण दर्जनों घरों में नल कनेक्शन के बावजूद आजतक पानी नही पहुंच सका। जबकि योजना पूर्ण हो गई। वहीं सात निश्चय योजना के तहत उक्त पंचायत के ग्यारह वार्डों में पक्की गली नाली निर्माण में भी घोर अनियमितता बरती गई है। मुखिया द्वारा वार्ड क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष और सचिव के नाम से खाता खुलवाकर चेकबुक और पासबुक अपने पास रख लिया गया था। और मनमाने ढंग से चेक पर हस्ताक्षर करवा कर राशि की निकासी की गई। बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच से स्पष्ट होगा कि निकासी अवैध तरीके से की गई है। मामले में संबंधित शाखा प्रबंधक की भूमिका भी संदिग्ध है। इतना ही नही बल्कि मुखिया और पंचायत सचिव द्वारा पंचम एवं चौदहवीं वित्त आयोग के तहत अनुशंसित योजनाओं के निर्माण कार्य में घोर अनियमितता बरती गई है। पंचायत कार्यकारिणी से पारित कराए बगैर एक दो वार्डों में ही निर्माण कार्य कराया गया। निर्माण कार्य इतना घटिया किस्म का किया गया कि चंद महीनों में ही ध्वस्त हो गया। जबकि राजकीय नलकूप योजना के अंतर्गत लाखों की लागत से छह नलकूपों का जीर्णोद्धार किया गया। जिसमें घटिया और बगैर मानक के सामग्री का उपयोग किया गया। अधिकांश नलकूप के पूर्व से स्थित बोरिग की सफाई करवाकर नए बोरिग और पाइप की राशि निकासी की गई। इतना ही नही योजनाओं में लूट से उक्त पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव की संपत्ति में खासा इजाफा हुआ। इस बाबत मुखिया प्रमोद कुमार ने बताया कि आवेदन में लगाये गए आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित है। पंचायत क्षेत्र में किये गए सभी विकास योजनाओं की जांच सक्षम प्राधिकार से कराए जाने में सहयोग करूंगा।

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