धार्मिक धरोहर बचाने का प्रयास लाया रंग, खनन पर लगी रोक

नवादा रजौली प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर स्थित लोमष ऋषि पहाड़ पर स्थित धार्मिक धरोहर को बचाने को लेकर समाजसेवियों द्वारा किए गए प्रयास अब रंग लाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:06 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:06 PM (IST)
धार्मिक धरोहर बचाने का प्रयास लाया रंग, खनन पर लगी रोक
धार्मिक धरोहर बचाने का प्रयास लाया रंग, खनन पर लगी रोक

नवादा : रजौली प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर स्थित लोमष ऋषि पहाड़ पर स्थित धार्मिक धरोहर को बचाने को लेकर समाजसेवियों द्वारा किए गए प्रयास अब रंग लाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को छपरा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रजौली में स्थित लोमष ऋषि पहाड़ पर हो रहे खनन पर रोक लगा दिया है। जिससे धार्मिक धरोहर बचाने का उम्मीद और जगी है। बुधवार को जैसे ही लोगों को पता चला कि धार्मिक धरोहर की सुनवाई में कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए खनन पर रोक लगा दी है, लोगों की खुशी और उम्मीद और जग गई।

याचिकाकर्ता का इस साल का लोगों ने सराहा भाजपा के मंडल अध्यक्ष गौरव शांडिल्य उर्फ गगन ने धार्मिक धरोहर बचाने को लेकर किए गए प्रयास का उन्होंने सराहना किया और कहा कि रजौली का अस्तित्व है। इसे मिटना नहीं चाहिए इसके लिए जो भी प्रयास हो लगातार होता रहना चाहिए।

पूर्व प्रधानाध्यापक बालकृष्ण प्रसाद यादव ने कहां की लोमष ऋषि पर्वत पर याज्ञवल्कय ऋषि का भी स्थान है। यह आज से नहीं 100 वर्ष पूर्व से ही धार्मिक धरोहर के रूप में जाना जाता था लेकिन अधिकारियों और राजनेताओं की उदासीनता के कारण इसका अस्तित्व खत्म होते जा रहा था। अस्तित्व मिटते देखकर हम लोगों को काफी पीड़ा होती थी। आज यह उम्मीद जगी है कि अब यह अस्तित्व बच जाएगा जिससे मन काफी प्रसन्न हुआ है।

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हाई कोर्ट ने क्या कहा

- छपरा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी किया और तुरंत हो रहे खनन कार्य पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। और 31 अगस्त को सरकार सरकार से सभी बिदु पर जवाब मांगा गया है। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर कहा था कि नवादा जिले के रजौली प्रखंड में स्थित लोमष ऋषि पहाड़ धार्मिक धरोहर से जुड़ा हुआ है। जिसका अस्तित्व मिटता जा रहा है। कोर्ट में याचिकाकर्ता ने धार्मिक धरोहर से जुड़े हुए कई साक्ष्य कोर्ट के समक्ष रखा जिसे देखकर सरकार से जवाब मांगा गया।

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लोक शिकायत में भी हुई थी इस मामले को लेकर सुनवाई

- लोक शिकायत निवारण में सुनवाई के दौरान लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने पूरे मामले को देखते हुए यह पाया था कि बंदोबस्ती के दौरान स्थानीय पदाधिकारियों के द्वारा कई साक्ष्य छुपा कर विभाग को रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसके बाद बंदोबस्ती किया गया था। वर्ष 2015 में पहाड़ की बंदोबस्ती करने के दौरान तत्कालीन सीओ से रिपोर्ट मांगी गई थी जिसमें पूछा गया था कि पहाड़ पर कोई धार्मिक धरोहर तो नहीं पहाड़ के आस पास कोई गांव तो नहीं रिपोर्ट में तत्कालीन सीओ ने इन सभी बातों को छुपाते हुए विभाग को रिपोर्ट देकर गलत ढंग से पहाड़ का बंदोबस्ती का रास्ता साफ किया था।

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सामाजिक कार्यकर्ता विनय सिंह ने मुख्यमंत्री से लगाई थी गुहार

-नवादा जिले के रजौली में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे। उस समय सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार सिंह ने धार्मिक धरोहर पर हो रहे पत्थर खनन को रोकने को लेकर मुख्यमंत्री को आवेदन दिया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से 26 दिसंबर 2019 को विभाग के प्रधान सचिव को पूरे मामले की जांच करने को लेकर आदेश दिया गया था। उसके बाद इस मामले की सुनवाई लोक शिकायत निवारण में हुई थी सुनवाई की रिपोर्ट सरकार को भेजी गई थी।

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लोमष ऋषि पहाड़ पर है ऋषि मुनियों की तपोस्थली

=लोमष ऋषि पहाड़ के सबसे उंची चोटी पर लोमष ऋषि और याज्ञवल्क्य ऋषि का तपोस्थली है।इस पहाड़ के इर्द गिर्द दर्जनों गांव के लोगों का आस्था जुड़ा है।सभी लोग यहां मन्नत मांगने आते हैं और पूरा होने के बाद अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं।

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पहाड़ के बगल में है घनी आबादी और शैक्षणिक संस्थान

-लोमष ऋषि पहाड़ से 500 मीटर दूरी पर सरकारी विद्यालय है और उससे 100 मीटर आगे घनी आबादी वाला गांव सरमसपुर है। इस पहाड़ पर पत्थर तोड़ने के लिए कंपनी के द्वारा ब्लास्टिग किया जाता है, तो इस गांव में ंमानो भूकंप के जैसा झटका महसूस होता है। जिससे यहां के लोग काफी परेशान हैं। कई बार लोगों को जान माल का नुकसान भी हुआ है।

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खनन व पर्यटन विभाग को भेजा गया लोक शिकायत का आदेश

-लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अपने आदेश में लिखा है कि खनन एवम पुरातात्विक विभाग एवं पर्यटन विभाग को संलग्न साक्ष्य के आलोक में पुरातात्विक धरोहर को पुन: सर्वेक्षण समीक्षा करने की आवश्यकता है। ताकि लोमष ऋषि आश्रम एवम याज्ञवल्क्य ऋषि आश्रम एवम आसपास के पुरातात्विक स्थलों को विभागीय नियमानुसार सूचीबद्ध कर संरक्षित कर सके।एवम खनन कार्य पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने इस संबंध में अपेक्षित कार्रवाई हेतु इस आदेश की कॉपी सचिव खनन एवम भूतल विभाग बिहार पटना, सचिव पर्यटन विभाग एवम जिलाधिकारी नवादा को भी भेज चुके हैं।

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