मौसम में उतार-चढ़ाव से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी

नवादा। रजौली प्रखंड क्षेत्र में पूर्व से आमजन कोरोना संक्रमण के डर से सहमे हैं। दूसरी ओर मौसम के उतार-चढ़ाव होने के कारण वायरल बुखार काफी तेजी से फैल रहा है। मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अधिकांश बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 10:23 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 10:23 PM (IST)
मौसम में उतार-चढ़ाव से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी
मौसम में उतार-चढ़ाव से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी

नवादा। रजौली प्रखंड क्षेत्र में पूर्व से आमजन कोरोना संक्रमण के डर से सहमे हैं। दूसरी ओर मौसम के उतार-चढ़ाव होने के कारण वायरल बुखार काफी तेजी से फैल रहा है। मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अधिकांश बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। स्थिति यह है कि सरकारी अस्पताल एवं निजी क्लीनिक में आने वाले 60 से 70 फीसदी मरीज वायरल बुखार से पीड़ित पहुंच रहे हैं। इससे बचाव के लिए चिकित्सक आमजनों को धूप में नहीं निकलने, खानपान में एहतियात बरतने, बाहर की चीजों का सेवन नहीं करने आदि की सलाह दे रहे हैं। निजी क्लिनिक संचालकों की माने तो वायरल बुखार अगर घर के एक सदस्य को है तो धीरे-धीरे घर के सभी सदस्य उसकी चपेट में आ जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में स्थिति यह है कि सर्दी-खांसी व बुखार होने पर लोग डर रहे हैं। लोग उसे कोरोना समझकर जांच कराने के लिए सरकारी अस्पताल की जगह निजी क्लिनिक पहुंच रहे हैं, जबकि चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के कारण वायरल बुखार की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में जरूरी है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के साथ वायरल बुखार से बचाव के प्रति भी सजग रहें।

वायरल बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक सह पीएचसी प्रभारी डा. बीएन चौधरी ने कहा कि गर्मी के दौरान अगर खानपान और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया तो वायरल इंफेक्शन के लोग शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कोरोनाकाल में सुरक्षित रहने के लिए सरकारी गाइडलाइन का अनुपालन करने, मास्क का उपयोग करने एवं शारीरिक दूरी का पालन करने की भी अपील की है। वायरल बुखार के लक्षण

- चिकित्सकों ने बताया कि सर्दी-खांसी व तेज बुखार इसका प्रमुख लक्षण है। साथ ही थकान महसूस होना, मांस पेशियों या बदन में दर्द, जोड़ों में दर्द, दस्त, सिरदर्द, आंखों में लाली और जलन का अनुभव, ग्रसिका नली में सूजन आने की शिकायत होना। बचाव के तरीके

- चिकित्सक के अनुसार इससे बचाव के लिए लोगों को खांसते-छींकते समय मुंह व नाक रूमाल से ढक लेना चाहिए। भोजन करने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं, रात को सोने से पहले दूध में हल्दी डालकर सेवन करें, गर्म पानी से गरारा करें, फ्रिज का पानी नहीं पीएं, ताजा भोजन का सेवन करें, प्रोटिनयुक्त भोजन करें, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।

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