ट्रैक पर फंसे टेंपो से टकराई ईएमयू ट्रेन

ट्रैक पर फंसे टेंपो से टकराई ईएमयू ट्रेन ट्रैक पर फंसे टेंपो से टकराई ईएमयू ट्रेन ट्रैक पर फंसे टेंपो से टकराई ईएमयू ट्रेन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 07:08 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 07:08 PM (IST)
ट्रैक पर फंसे टेंपो से टकराई ईएमयू ट्रेन
ट्रैक पर फंसे टेंपो से टकराई ईएमयू ट्रेन

संसू, वारिसलीगंज :

किउल-गया (केजी) रेलखंड पर शुक्रवार की अहले सुबह किउल से गया जा रही मेमो ट्रेन की चपेट में आकर एक ऑटो के परखच्चे उड़ गए। घटना मय मोड़ के पास स्थित अवैध क्रॉसिग के पास 6:30 बजे करीब हुई। ऑटो मय गांव से स्कूली बच्चों को लाने जा रहा था। रेल ट्रैक में ऑटो का पहिया फंस गया। इस दौरान किउल से गया जा रही मेमू सवारी गाड़ी 63317 अप पहुंच गई। ट्रेन आते देख चालक भाग खड़ा हुआ। वहीं ऑटो ट्रेन के इंजन में फंस कर करीब आधा किलोमीटर तक ट्रैक पर रगड़ खाते रहा। ट्रेन रुकने के बाद स्थानीय लोगों और रेल यात्रियों के सहयोग से चालक ने ऑटो को निकाला। तब गाड़ी गंतव्य के लिए रवाना हुई। इस बीच करीब एक घंटे से अधिक समय तक ट्रेन घटना स्थल पर रुकी रही। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वारिसलीगंज से खुलकर ईएमयू ट्रेन नवादा की तरफ जा रही थी। मय गांव जाने के लिए बने रास्ते में खुला रेल फाटक पार करने के दौरान स्कूली बच्चों को लाने गांव की ओर जा रहा ऑटो रेल ट्रैक पर फंस गया। फंसे ऑटो को चालक व उपस्थित लोगों ने निकालने की कोशिश की। तबतक तेज गति से आ रही मेमू ट्रेन पहुंच गई। तब ऑटो के चालक एवं उपस्थित लोग वाहन को ट्रैक पर छोड़कर भाग खड़े हुए। इससे चालक की जान तो बच गई, लेकिन ऑटो के परखच्चे उड़ गए। बताया जाता है कि ट्रेन की चपेट में आए ऑटो को ट्रेन लगभग आधा किलोमीटर मीटर तक घसीटते चली गई। बाद चालक ने ट्रेन को रोका। उपस्थित लोगों ने किसी प्रकार ट्रेन के अगले हिस्से में फंसे वाहन को बाहर निकाला। करीब एक घंटे से अधिक समय तक मंजौर गांव के सामने ट्रेन खड़ी रही।

ऑटो पर नहीं था कोई बच्चा

लोग बताते हैं कि मय एवं आसपास के गांव से निजी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को लाने के लिए प्रत्येक दिन कई ऑटो उस रास्ते से गुजरते हैं। शुक्रवार को भी ऑटो बच्चा लाने के लिए उक्त गांव जा रहा था। महज संयोग था कि उस वक्त वाहन खाली था। बच्चा लेकर लौटने वक्त किसी प्रकार की घटना होती तो हादसा बड़ा हो सकता था। गौरतलब है कि 16 नवंबर 2014 को सफीगंज गांव के समीप खुले रेल क्रॉसिग को पार करने के दौरा बारात लदी बोलेरो का पहिया ट्रैक में फंस कर ट्रेन की चपेट में आ गया था। घटना में पकरीबरावां से सफीगंज बारात आए सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि चार वर्ष पूर्व गोसपुर हॉल्ट से करीब 200 गज उत्तर खुला क्रॉसिग पार करते समय एक ट्रक का पहिया रेल ट्रैक में फंस गया था। ट्रेन की टक्कर से ट्रक चकनाचूर हो गया था, जबकि करीब आठ माह पूर्व बाघी बरडीहा रेलवे स्टेशन से 100 गज पहले समपार फाटक पर एक बालू लदा ट्रक रात में गुजर रही एक मालगाड़ी की चपेट में आकर चकनाचूर हो चुका है। दो माह पूर्व चातर के समीप एक स्कार्पियो ट्रेन की चपेट में आई थी। आए दिन इस प्रकार की घटनाएं होने के बाद भी रेलवे कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

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