गली-नाली को ले सड़क पर उतरे ग्रामीण, भरोसा मिलने पर हटाया जाम

बिहारशरीफ। गांव की सड़क व नाली नहीं बनने से गुस्साए प्रखंड के गौढ़ापर के ग्रामीण शनिवार को सड़क पर उतर आए। उनका कहना था कि आखिर कब तक उन्हें ऐसी नारकीय जिंदगी जीनी पड़ेगी। सात निश्चय योजना से आसपास के गांवों की तस्वीर बदली जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 11:06 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 11:06 PM (IST)
गली-नाली को ले सड़क पर उतरे ग्रामीण, भरोसा मिलने पर हटाया जाम
गली-नाली को ले सड़क पर उतरे ग्रामीण, भरोसा मिलने पर हटाया जाम

बिहारशरीफ। गांव की सड़क व नाली नहीं बनने से गुस्साए प्रखंड के गौढ़ापर के ग्रामीण शनिवार को सड़क पर उतर आए। उनका कहना था कि आखिर कब तक उन्हें ऐसी नारकीय जिंदगी जीनी पड़ेगी। सात निश्चय योजना से आसपास के गांवों की तस्वीर बदली जा रही है। लेकिन, गौढ़ापर गांव आज भी बदहाल है। कच्ची सड़क पर नाले का पानी बहता रहता है। इसी समस्या की ओर जनप्रतिनिधियों व शासन का ध्यान दिलाने के लिए ग्रामीणों ने चंडी-नूरसराय पथ को घंटों जाम रखा। जाम में गांव के युवा, बच्चे तथा महिलाएं शामिल थीं, जिससे जाम हटाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। लगभग दो घंटे तक आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। पटना, बिहारशरीफ तथा सरमेरा जाने वाली गाड़ियों की लगभग चार किलोमीटर लंबी कतार लग गई। हालात बिगड़ते देख बीडीओ को सूचना दी गई। बीडीओ अवधेश कुमार राय तथा प्रभारी थानाध्यक्ष चंद्रोदय प्रकाश मौके पर पहुंचे और सड़क व नाली निर्माण का पक्का भरोसा दिया। तब जाकर लोग जाम हटाने को तैयार हुए।

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सड़क निर्माण में फंसा है जमीन का पेच, सोमवार को होगी नापी

बाद में गांव के प्रमुख लोगों के साथ बीडीओ तथा सीओ ने बैठक की। बताया गया कि सड़क निर्माण में जमीन को लेकर कुछ समस्याएं हैं। जिसके निवारण के लिए सोमवार को सीओ कुमारी आंचल की निगरानी में मापी कराई जाएगी। सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि गौढ़ापर गांव से एसएच-78 तक सड़क बिल्कुल कच्ची है। ऐसे में बरसात में इस रास्ते से गुजरना बड़ी मुसीबत बन जाती है।

तीन दिनों से ट्रांसफार्मर खराब, पेयजल के लिए हाहाकार

आंट पंचायत के छोटी आंट गांव का ट्रांसफार्मर तीन दिनों से खराब पड़ा है। जिसके कारण तीन दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप है। ग्रामीणों ने बताया कि इस पंचायत की समस्या देखने वाला कोई नहीं। इस गांव से प्रखंड मुख्यालय की दूरी 15 किलोमीटर है, जिस कारण अधिकारी से मिलकर शिकायत करना भी मुश्किल है। लोगों ने कहा कि अधिकारियों ने कभी भी उनकी बातें नहीं सुनी। इस कारण वे अधिकारी के पास जाना नहीं चाहते।

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