शराब के तीन धंधेबाजों को 10 वर्षों की कैद के साथ 5 लाख का जुर्माना

जिला न्यायालय के तृतीय एडीजे राजेश कुमार पांडेय ने शराब के दोषी धंधेबाज वेन थाना के अकौना गांव निवासी संजय प्रसाद उर्फ पल्लू व धर्मेँन्द्र कुमार तथा सिलाव थाना क्षेत्र के मोतिया विगहा गांव निवासी सुबोध यादव को कारावास तथा जुर्माना की सजा दी। उन तीनों ही आरोपियों को दस-दस वर्षों का कारावास सहित प्रत्येक को 5-5 लाख का जुर्माना अदा करने की सजा दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 07:22 PM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 07:22 PM (IST)
शराब के तीन धंधेबाजों को 10 वर्षों की कैद के साथ 5 लाख का जुर्माना
शराब के तीन धंधेबाजों को 10 वर्षों की कैद के साथ 5 लाख का जुर्माना

बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के तृतीय एडीजे राजेश कुमार पांडेय ने शराब के दोषी धंधेबाज वेन थाना के अकौना गांव निवासी संजय प्रसाद उर्फ पल्लू व धर्मेँन्द्र कुमार तथा सिलाव थाना क्षेत्र के मोतिया विगहा गांव निवासी सुबोध यादव को कारावास तथा जुर्माना की सजा दी। उन तीनों ही आरोपियों को दस-दस वर्षों का कारावास सहित प्रत्येक को 5-5 लाख का जुर्माना अदा करने की सजा दी गई। जिसे अदा न करने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास भु्गतना होगा। अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक निरंजन प्रसाद तथा दिलीप कुमार सिंह ने विचारण के दौरान बहस व सात साक्षियों का परीक्षण किया था। प्राथमिकी के अनुसार संजय उर्फ पल्लू के मा‌र्क्सवादी नगर स्थित आवास में शराब प्रतिशेध अधिनियम के लागू रहने के बावजूद शराब की बड़ी मात्रा का भंडारण का अवैध धंधा कर रहे थे। इस धंधे का दो अन्य आरोपी धर्मेन्द्र कुमार एवं सुबोध यादव भी सहयोगी था। आरोपी संजय के अन्य कुमार को भी आरोपित किया गया था परन्तु साक्ष्य के अभाव में आरोप से बरी कर दिया गया। इस मामले के सूचक व उत्पाद अवर निरीक्षक अरूण कुमार ने तत्कालीन राजगीर थानाध्यक्ष पिकी प्रसाद को सूचना निर्गत कर आरोपी के आवास मा‌र्क्सवादी नगर में छापेमारी पुलिस बल के साथ 27 जनवरी 19 के साढ़े 12 बजे रात्रि में की थी। आरोपी पुलिस की भनक लगते ही फरार हो गये थे। छापेमारी के दौरान सूचक ने कुल 250 कार्टन में रखे विभिन्न मात्रा और ब्रांड के 53 सौ बोतलों में 26 सौ लीटर शराब बरामद किया था। इसके बाद राजगीर थाना के तहत बिहार प्रतिषेध अधिनियम 30ए के तहत आरोपियों पर आरोप दर्ज किया गया था। आरोपी संजय व सुबोध ने बरामदगी के तीन माह बाद कोर्ट में समर्पण किया था।

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